/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/05/whatsapp-image-2025-07-05-16-29-40.jpeg)
सपा सेक्टर प्रभारियों की मीटिंग
बरेली, वाईबीएन संवाददाता। समाजवादी पार्टी में एक ओर जहां पद पाने की होड़ मची है तो वहीं 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर स्थानीय नेता ही गंभीर नहीं हैं। आज बिथरी क्षेत्र में सेक्टर और जोन प्रभारियों के अलावा बूथ अध्यक्ष समेत राजनीति में सक्रिय सभी नेताओं की मीटिंग बुलाई गई थी। उसमें 10 पदाधिकारी नहीं पहुंचे। सपा के राष्ट्रीय सचिव, दो पूर्व जिलाध्यक्ष, वर्तमान जिलाध्यक्ष, तीन ब्लॉक प्रमुख समेत तमाम बड़े नेता इसी क्षेत्र में रहते हैं। बिथरी क्षेत्र में 426 बूथ हैं। सपा के रणनीतिकारों ने इस क्षेत्र को चुनावी दृष्टिकोंण से 40 सेक्टरों में बांटा है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 2027 में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए अभी से पूरी ताकत लगा दी है। वह पीडीए की रणनीति पर अपनी चुनावी बिसात बिछाकर योजनाओं को अंतिम रुप देने में जुटे हैं। मगर, जिले के सपा नेता उन सब चीजों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। आज सपा के जिला उपाध्यक्ष और विधानसभा क्षेत्र प्रभारी रविंद्र यादव ने बिथरी क्षेत्र में पार्टी के बूथ अध्यक्ष, सेक्टर प्रभारी, जोन प्रभारी समेत अन्य समस्त नेताओं की मीटिंग बुलाई थी। मगर, उसमें दस पदाधिकारी भी नहीं पहुंचे। विधानसभा क्षेत्र प्रभारी रवींद्र यादव बैठक की महज खानापूरी करके चले आए। मीटिंग में उन्होंने जो भाषण दिया, वह किसी की समझ में नहीं आया। यहां तक कि खुद उनकी समझ में भी नहीं आया कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं से आखिर कहना क्या चाहते हैं? सपा युवजन सभा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सूरज यादव उस मीटिंग में मौजूद थे। उन्होंने 2027 में बरेली की सभी नौ सीटों पर पार्टी को जीत दिलाने का दावा किया और कहा कि भाजपा का इस बार बरेली में सूपड़ा साफ हो जाएगा। प्रभारी रविंद्र यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में जनता महंगाई, बेरोजगारी से त्रस्त हो चुकी है। जनता में समाजवादी पार्टी की लहर अभी से बन गई है। इस बार पूरे प्रदेश में सपा 400 सीटें जीतेगी। उसमें बरेली की नौ की नौ विधानसभा सीटें भी शामिल रहेंगी। हालांकि इस मीटिंग में 426 बूथों में से मात्र 10 कार्यकर्ता ही आए थे। बिथरी में 40 सेक्टर और जोन प्रभारी के अलावा तमाम बड़े नेता भी इसी क्षेत्र में रहते हैं। प्रत्येक विधानसभा कमेटी में 31 पदाधिकारी होते हैं। इस हिसाब से अगर देखा जाए तो विधानसभा कमेटी के पूरे पदाधिकारी भी मीटिंग में नहीं पहुंचे। सिर्फ फोटो खिंचवाकर और वीडियो बनाने के बाद उसे सोशल मीडिया पर डालकर अपने नंबर बढ़ाने की होड़ देखी गई।