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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
सुभाषनगर थाना क्षेत्र में दहेज उत्पीड़न का एक गंभीर मामला सामने आया है। मायके वालों के शादी में 15 लाख रुपये खर्च करने के बावजूद महिला का पति और उसके घरवाले दहेज संतुष्ट नहीं हुए। उन्हें दहेज में कार और 05 लाख रुपये चाहिए। इसके लिए ससुराल वालों ने महिला को पहले अपमानित किया और मारपीट की। फिर भी मांग पूरी नहीं हुई तो महिला को जबरन मायके पहुंचा दिया। परेशान होकर पीड़ित ने सुभाषनगर थाने में FIRदर्ज कराई है, जिसमें उसके पति, ससुर, सास, जेठ, ननद और ननदोई सहित सात लोगों को नामजद किया है।
इज्जतनगर थाना क्षेत्र का मामला, 07 दिसंबर 2022 को हुई थी शादी
पीड़ित महिला ललिता देवी ने बताया कि उनकी शादी 07 दिसंबर 2022 को इज्जतनगर थाना क्षेत्र की डिफेंस कॉलोनी निवासी अमित मसीह के साथ हुई थी। शादी में उनके मायके वालों ने लगभग 15 लाख रुपये खर्च किए, फिर भी ससुराल वाले संतुष्ट नहीं हुए। ललिता के मुताबिक शादी के कुछ दिन बाद ही ससुराल वाले दहेज में कार और 5 लाख रुपये नकद की मांग करने लगे। मांग पूरी न होने पर ललिता को छोटी-छोटी बातों पर ससुराल वाले ताने देने लगे। विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी।
ससुराल वाले बोले-कार और रुपये लेकर आओ, वरना अपने मायके जाओ
ललिता देवी के अनुसार, 23 दिसंबर 2024 को पति अमित मसीह, ससुर महीपाल, सास सावित्री देवी, जेठ प्रदीप, ननद मंजू, पिंकी उर्फ मरियम और ननदोई विलियम ने मायके से दहेज में कार और 05 लाख रुपये लाने को कहा। ललिता के मना करने पर मारपीट की गई। ससुराल वालों ने धमकी दी कि जब तक मायके से दहेज नहीं लाएगी, उसे घर में घुसने नहीं दिया जाएगा। शोर सुनकर पहुंचे पड़ोसियों ने ललिता को को किसी तरह बचाया। ससुराल वालों ने उनके सारे जेवर और कपड़े आदि छीन लिए। इसके बाद अमित मसीह उसे जबरन मोटर साइकिल पर बैठाकर वंशीनगला सुभाषनगर मायके छोड़ गया, और उसके बाद से कोई संपर्क नहीं किया।
परामर्श केंद्र भी नहीं पहुंचा पति, पत्नी ने लिखाई एफआईआर
ललिता ने बताया कि उनकी शिकायत पर बरेली एसएसपी ने दोनों पक्षों में सुलह कराने के लिए मामला पुलिस परामर्श केंद्र भेजा, लेकिन उसका पति अमित मसीह परामर्श केंद्र नहीं पहुंचा। इसके बाद पुलिस ने ललिता की ओर से 02 मई 2025 को एफआईटार दर्ज कर ली। FIR में आईपीसी की धारा 498A (ससुराल वालों द्वारा क्रूरता), 406 (विश्वासघात), 323 (चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी) और दहेज निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है