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श्री राममूर्ति ट्रस्ट का स्मारक हॉस्पिटल
वाईबीएन संवाददाता बरेली।
यूपी सरकार के पूर्व मंत्री और बरेली के पूर्व सांसद श्री राममूर्ति के नाम पर लंबे समय से चलने वाले एसआरएमएस ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार, ब्लैकमनी, कर्मचारियों के शोषण और मनमानी के गंभीर आरोप उनके ही पूर्व एचआर मैनेजर ने लगाए हैं। इस मामले की शिकायत पीएमओ में की गई थी। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के आदेश पर बरेली के स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एसआरएमएस ट्रस्ट को नोटिस जारी किया गया है।
पूर्व एचआर मैनेजर के वीडियो में घोटाले का सनसनीखेज खुलासा
संस्थान के पूर्व एचआर मैनेजर आशीष ने एक वीडियो जारी कर श्री राममूर्ति ट्रस्ट के अंदरूनी घोटालों का खुलासा करके बरेली से लखनऊ तक सनसनी फैला दी है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसआरएमएस ट्रस्ट से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक हड़कंप मच गया है। आशीष ने अपने वीडियो में दावा किया कि श्री राममूर्ति ट्रस्ट संस्थान में हर महीने करीब 4,500 कर्मचारियों को सैलरी कैश में दी जाती है। उससे पहले उनसे जबरन चेक पर साइन कराए जाते हैं। इन चेकों में लिखा होता है कि कर्मचारियों ने अपनी सैलरी ट्रस्ट को दान में दी है। असल में यह तरीका ब्लैकमनी को व्हाइट करने का संगठित सिंडीकेट है।
एमबीबीएस की आधी फीस कैश में लेता है संस्थान
आशीष ने अपने वीडियो में कहा कि श्री राममूर्ति ट्रस्ट की तरफ से एमबीबीएस कोर्स की फीस भी दो हिस्सों में ली जाती है। आधी फीस ऑनलाइन और आधी कैश में। पूर्व एचआर मैनेजर आशीष ने वीडियो में बताया कि तीन महीने पहले ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति ने उन्हें बुलाकर कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना उनको सौंपी थी। इसके बाद मेडिकल जांच के नाम पर 350 कर्मचारियों, जिनमें नर्स, क्लर्क, गार्ड शामिल थे, को मेडिकल अनफिट बताकर नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। निकाले गए कर्मचारियों में से एक नर्स ने प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत भेजी थी। पीएमओ ने संस्थान से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी, लेकिन श्री राममूर्ति ट्रस्ट की तरफ से पीएमओ को कोई जवाब नहीं दिया गया। कुछ ही दिनों बाद उनको (एचआर मैनेजर आशीष को) पद से हटा दिया गया।
चेयरमैन मनमाने तरीके से हटा देते हैं सीनियर कर्मचारी
वीडियो में आशीष ने बताया कि संस्थान में सीनियर कर्मचारियों को पद से हटाकर उनसे मनमाने तरीके से वसूली की जाती है। एक कर्मचारी को 22 साल की सेवा के बाद सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसकी सैलरी ज्यादा थी। आशीष ने यह भी बताया कि नर्सों से एएलएस-बीएलएस ट्रेनिंग फीस के नाम पर दोहरी वसूली की जाती है, जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता। यहां तक कि कर्मचारियों का पीएफ तक नहीं काटा जाता। आशीष ने यह भी आरोप लगाया कि संस्थान के खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिए अफसरों और अधिकारियों को महंगे गिफ्ट और सुविधाएं दी जाती हैं। यही वजह है कि इतने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने के बावजूद कोई जांच नहीं होती। वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग लगातार संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
वर्तमान एचआर अजीत राय की डिग्री फर्जी
पूर्व एचआर मैनेजर आशीष ने मौजूदा एचआर मैनेजर अजीत पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अजीत के पास एचआर की फर्जी डिग्री है और उन्हें एचआर के बुनियादी नियमों का ज्ञान तक नहीं है, लेकिन अंदरखाने की मिलीभगत के चलते उन्हें ऊंचे पद पर बैठा रखा गया है। वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले का संज्ञान लिया। सीएमओ ने एसआरएमएस ट्रस्ट को नोटिस जारी कर सात दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं,जिलाधिकारी कार्यालय ने भी रिपोर्ट तलब की है।
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