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सख्ती : 17 हजार वर्ग मीटर की दो अवैध कालोनियों पर गरजा बीडीए का बुलडोजर....

बरेली विकास प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने थाना कैन्ट क्षेत्र की 02 अवैध कालोनियों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। अचानक इस कार्रवाई से प्रॉपर्टी डीलरों में हड़कंप मच गया।

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Sudhakar Shukla
बीडीए के बुल्डोजर से ध्वस्त होती हुई अवैध कॉलोनी

बीडीए के बुल्डोजर से ध्वस्त होती हुई अवैध कॉलोनी

बरेली, वाईबीएन नेटवर्क।

प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने थाना कैन्ट क्षेत्र की 02 अवैध कालोनियों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। इससे गैर कानूनी प्रॉपर्टी डीलरों में हड़कंप मच गया। बीते तीन साल से बीडीए का बुल्डोजर अनाधिकृत कॉलोनियों पर लगातार गरज रहा है। 

रियल एस्टेट रेगुलेटिंग अथॉरिटी (Rera) में गैर पंजीकृत प्रॉपर्टी डीलर ओम प्रकाश व उनके पार्टनर द्वारा थाना कैन्ट लालफाटक रोड पर रामेश्वरधाम-1 नाम की कालोनी के 10 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के भूखण्डों का चिन्हांकन, सड़क एवं बाउन्ड्रीवाल का कार्य करके उसका निर्माण कार्य कराया जा रहा था। इसी कड़ी में ठाकुर महावीर सिंह और उनके पार्टनर भी थाना कैन्ट में  7000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के भूखण्डों का चिन्हांकन, सड़क, साइट ऑफिस एवं बाउन्ड्रीवाल का निर्माण करा रहे थे। दोनों अवैध कालोनियों के विरूद्ध नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की धाराओं के अन्तर्गत बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। बीडीए टीम में अजीत कुमार सिंह, विशेष कार्याधिकारी, सहायक अभियन्ता गजेन्द्र पाल शर्मा, अवर अभियन्ता  सुरेन्द्र द्विवेदी एवं प्रवर्तन टीम की उपस्थिति में अवैध कालोनी के विरूद्व ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गयी। प्राधिकरण की तरफ से उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 के प्राविधानों के अन्तर्गत किसी भी व्यक्ति द्वारा निर्माण/प्लाटिंग करने से पूर्व विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य है। बिना मानचित्र स्वीकृत कराये प्लाटिंग करना या भवन निर्माण करना पूरी तरह से अवैध है। बिना मानचित्र स्वीकृत कराये किये गये विकास या निर्माण का ध्वस्तीकरण कभी भी द्वारा किया जा सकता है। प्राधिकरण ने भवन/भूखण्ड के क्रेताओं को सलाह दी है कि भविष्य में किसी भी परेशानी से बचने के लिए भवन/भूखण्ड क्रय करने से पूर्व उसकी मानचित्र स्वीकृति सम्बन्धी जानकारी प्राधिकरण से अवश्य प्राप्त कर लें। मानचित्र स्वीकृत न होने की स्थिति में खरीदारी से बचने की सलाह दी जाती है। अन्यथा की दशा में प्राधिकरण द्वारा उ0प्र0 नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही की जायेगी। इसका समस्त उत्तरदायित्व निर्माणकर्ताओं का स्वयं का होगा।

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