Advertisment

सुमित यादव की बहादुरी : दिल्ली के अपार्टमेंट में आग लगने पर बचाई जान... स्वतंत्रता दिवस पर मिला सम्मान

बरेली के सुमित यादव ने पिछले साल वर्ष दिल्ली के अपार्टमेंट में आग लगने पर खुद की परवाह न करते हुए अपने दो लोगों की जान बचायी। उनको स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया गया। 

author-image
Sudhakar Shukla
स्वतंत्रता दिवस पर बरेली के सुमित यादव को सम्मानित करते हुए डीएम अविनाश सिंह

स्वतंत्रता दिवस पर बरेली के सुमित यादव को सम्मानित करते हुए डीएम अविनाश सिंह

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

 बरेली के सुमित यादव को इस बहादुरी के लिए मिला सम्मान 

बरेली। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने बरेली के होनहार बहादुर नौजवान सुमित यादव को सम्मानित किया। सुमित यादव को यह सम्मान इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने गत वर्ष दिल्ली के एक अपार्टमेंट में आग लगने के बाद अपने दो साथियों की जान खुद अपनी परवाह न करते हुए बचायी थी। इसके लिए उनकी भूरि-भूरि सराहना की गई। 

मैं आ गया हूं, आपको बचाकर ले चलूंगा

सुमित यादव ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 27 अप्रैल 2024 को वह दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र के मिलनसार अपार्टमेंट में थे। यह अपार्टमेंट थाना प्रशांत विहार नई दिल्ली में है। चार मंजिल ऊपर के फ्लैट में अचानक भयंकर आग लगी थी। 26 अप्रैल 2024 को बरेली के महाराजा अग्रसेन कॉलेज में फंक्शन था। यहां वह फाइनल ईयर बीटेक के छात्र थे। सुमित यादव को फंक्शन में प्रोग्राम करने के लिए कॉलेज अध्यक्ष ने उनको 26 अप्रैल को बुला लिया था। लेकिन, सुबह 5ः00 बजे जैसे ही वे अपने फ्लैट पर पहुंचे तो वहां देखा कि फ्लैट से धुआं निकल रहा है। वह समझ गए कि फ्लैट के अंदर आग लग गई है। वह तुरंत एक दोस्त को लेकर, जो साथ में कॉलेज से ही आया था। उसको सोसाइटी में सब लोगों को जगाने के लिए नीचे भेजा और स्वयं दरवाजा तोड़ने का प्रयास करने लगे। तब तक काफी देर हो गई थी। तब तक समिति के लोग और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। मगर, फ्लैट का दरवाजा बहुत मजबूत था। काफी मेहनत के बाद सुमित ने दरवाजा तोड़ दिया। जब दरवाजा तोड़ा गया तो आग की लपटे और धुआं बाहर निकलने लगा। भीड़ पीछे की तरफ भाग खड़ी हुई। किसी की हिम्मत नहीं पड़ी। लेकिन, उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर फायर का छोटा सिलेंडर लिया। फिर अपने आप को बचाते हुए उस आग में सीधे अंदर प्रवेश कर गए। वह आग में जलते हुए अपने दोस्तों के पास पहुंचे। वहां उनके दोनों दोस्त आग के धुएं की वजह से बेहोश हो गए थे। दोनों को सीपीआर देकर खड़ा किया और हिम्मत दी कि मैं अब आ गया हूं। आपको बचा के ले चलूंगा।

महीनों तक चला इलाज, तब ठीक हुए 

 सुमित यादव ने बताया कि उन्होंने फ्लैट की सारी खिड़कियों को तोड़ने का प्रयास किया। इसका मकसद यह था कि धुएं को कमरे के अंदर से निकाला जा सके। फ्लैट में आग बहुत तेज फैल रही थी। उन्हें अपने दोनो दोस्तों को निकालने में बहुत मेहनत करनी पड़ी। रास्ते ब्लॉक हो गए थे। उन्होंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और दोनो को साफ बचा लिया। इन सब के इस प्रयास के बीच वह स्वयं भी काफी चोटिल हो गए थे। फायर ब्रिगेड ने सुमित यादव को तत्काल एंबुलेंस मंगाकर सबसे पहले सरकारी हॉस्पिटल भेजा। वहां तत्काल रेफर कर उनको प्राइवेट अस्पताल भेजा गया। वहां सुमित यादव का कई दिनों तक इलाज चलता रहा। उसके बाद बरेली के हॉस्पिटल में भी कई महीने तक उनका इलाज चला।  

पहले भी कई संस्थाओं से सम्मानित हो चुके हैं सुमित यादव     

सुमित यादव की इस बहादुरी के लिए बरेली के कई गणमान्य जनप्रतिनिधियों/   संस्थाओं द्वारा कई बार सम्मानित किया जा चुका है। दिल्ली में भी कई संस्थाओं की तरफ से भी उनको सम्मानित किया जा चुका है। आज जिलाधिकारी द्वारा भी उनको इस बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सम्मानित होने के बाद सुमित यादव का कहना है कि यह सम्मान उनका नहीं है। बल्कि यह आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने के लिए यह सम्मान नई पीढ़ी को समर्पित है। सुमित यादव ने कहा कि उनकी हार्दिक इच्छा है कि कोई भी इंसान मदद के अभाव दम न तोड़ दे। इसलिए हर नौजवान को यह संकल्प लेना चाहिए कि मैं हर कीमत पर जरुरत होने पर सबकी मदद करूंगा

Advertisment
Advertisment