Advertisment

छांगुर बाबा पर सुन्नी बरेलवी उलमा का फतवा...कहा-बाबा का कार्य गैर कानूनी

लालच और दबाव से धर्मांतरण कराने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ सुन्नी बरेलवी उलमा मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने जुबानी फतवा जारी किया है। उनका कहना है कि छांगुर बाबा का कार्य गैर कानूनी और गैर इस्लामी है। ऐसे लोगों का बहिष्कार किया जाना चाहिए।

author-image
Sudhakar Shukla
maulana_mufti_shahabuddin_rajavi88
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

बरेली, वाईबीएन संवाददाता

लालच और दबाव से धर्मांतरण कराने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ सुन्नी बरेलवी उलमा मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने जुबानी फतवा जारी किया है। उनका कहना है कि छांगुर बाबा का कार्य गैर कानूनी और गैर इस्लामी है। ऐसे लोगों का बहिष्कार किया जाना चाहिए।  कई दिनों से जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा चर्चा में है, कहा जा रहा है कि छांगूर बाबा ने लालच देकर के धर्मांतरण कराया और नियोजित तरीके से गैर मुस्लिम लड़कियों की मुस्लिम लड़कों के साथ शादी कराता था। उसने घर में अपने लिए एक कब्र बनवा रखी थी, उसके पास नौजवानों की एक फौज थी, उसके माध्यम से छांगूर बाबा लोगों पर दबाव बनाता था। 

इस्लाम जब्र, दबाव, लालच का धर्म नहीं

इन तमाम बातों पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी से कई लोगों ने इस्लाम के नजरिए को समझने के लिए फतवा चाहा और प्रश्न पूछें। इस पर मौलाना ने इस्लामी दृष्टिकोण से और छांगूर बाबा के संबंध में जो बातें सामने आई हैं उसके पेशे नजर जुबानी फतवा देते हुए कहा कि इस्लाम जब्र, दबाव, लालच का धर्म नहीं है बल्कि प्यार और मोहब्बत वाला धर्म है।

Advertisment


उन्होंने पैगंबरे इस्लाम की हदीस शरीफ का हवाला देते हुए कहा कि इस्लाम धर्म बहुत आसान है। इसमें जब्र और दबाव नहीं है, किसी व्यक्ति के ऊपर इस्लाम कबूल करने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता। पैगंबरे इस्लाम की पूरी जीवनी पढ़ डालिए उन्होंने कभी भी किसी गैर मुस्लिम को प्रलोभन या लालच नहीं दिया, न ही गैर मुस्लिम पर इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए दबाव डाला। वो मुस्लिमों और गैर मुस्लिमों दोनों के साथ अच्छा व्यवहार और अच्छा सलूक करते थे, वो सभी के मुश्किल समय में सहयोग के लिए खड़े हो जाते थे।
मौलाना ने कहा कि धर्म के प्रचार-प्रसार की हर शख्स को इजाजत हासिल है, इस्लाम का प्रचारक अपने धर्म के प्रचार के किसी गैर मुस्लिम के सामने इस्लाम की खूबियां बयान तो कर सकता है, लेकिन उसे इस बात की बिल्कुल इजाजत नहीं है कि वो पहले से अपने धर्म पर अमल कर रहे उन गैर मुस्लिमों पर जोर व जबरदस्ती करके उन्हें इस्लाम धर्म में दाखिल करने की कोशिश करें।

Advertisment
Advertisment