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गृहकर, जलकर और संपत्तिकर के बिलों में त्रुटियों की भरमार है। बीते साल जीआईएस सर्वे के बाद शुरू हुआ क्लेश खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इससे करदाताओं को छूट का लाभ नहीं मिल पा रहा है। 30 जून तक कर जमा करने पर 10 फीसदी छूट मिलनी थी, पर बिल में त्रुटियों की वजह से करदाता भटकते रहे। समय से आपत्तियों का निस्तारण नहीं होने से वह छूट का लाभ नहीं ले सके। अब जुलाई और अगस्त में कर जमा करने पर उनको सिर्फ साढ़े सात फीसदी छूट मिलेगी। सितंबर-अक्तूबर में सिर्फ पांच फीसदी छूट का प्रावधान है। अगर इस अवधि में भी आपत्तियों का निस्तारण नहीं हुआ तो छूट के बिना ही कर जमा करना होगा।
स्वघोषणा के आधार पर टैक्स जमा करने की अनुमति भी नहीं मिली
कटरा चांद खां निवासी रामबाबू ने स्वकर निर्धारण के प्रारूप को भरकर 20 जून को जमा किया। उम्मीद थी कि आठ दिन में प्रारूप के आधार पर टैक्स जमा हो सकेगा, पर ऐसा नहीं हो सका। स्वघोषणा के आधार पर टैक्स जमा करने की अनुमति भी नहीं मिली।
सुभाषनगर की कमला ने 21 जून को स्वकर निर्धारण का प्रारूप भरकर जमा किया था। इसी वार्ड की हैप्पी देवी ने दो मई, सिविल लाइंस के जितेंद्र कटियार ने 26 मई और सुरेश शर्मा नगर के राकेश बाबू ने 20 जून को आपत्तियां दाखिल कीं। निस्तारण नहीं होने से उनको छूट का लाभ नहीं मिल सका। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी का कहना है कि जोनवार अधीनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों को 15 दिन में निस्तारण करने का निर्देश दिया है। अगर कोई देरी करता है तो जवाबदेही तय की जाएगी। आपत्तियों का निस्तारण करके अगर लोग टैक्स ऑनलाइन जमा करते हैं तो अभी भी साढ़े आठ प्रतिशत तक छूट का विकल्प खुला है।