/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/08/6lSX24exbLDY0HhgzUh8.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
Bareilly News : स्मार्ट सिटी से ब्लैक लिस्टेड आगरा की परमार कंस्ट्रक्शन को पांच करोड़ से ज्यादा का टेंडर देने के मामले में फंसे अफसरों के खिलाफ शुरू हुई जांच पर अभी से सवाल उठने लगे हैं। घोटाले में फंसे एक अफसर सीनियर पीसीएस हैं, जबकि मामले की जांच जिन अफसर का सौंपी गई है वे उनके जूनियर हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या निपक्ष जांच हो पाएगी और गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी या वे बच जाएंगे।
2020 में तत्कालीन नगर आयुक्त एवं स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ अभिषेक आनंद ने आगरा की परमार कंस्ट्रक्शन को फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाने पर ब्लैक लिस्ट कर दिया था। इसके बाद भी इस फर्म को नंवबर 2024 में नगर निगम के उद्यान विभाग में सवा पांच करोड़ का ठेका दे दिया गया।
टेंडर देने वाली कमेटी में अपर नगर आयुक्त सुनील कुमार यादव, सहायक लेखा अधिकारी हृदय नारायण और पर्यावरण अभियंता राजीव कुमार राठी शामिल थे। कमेटी ने अपनी चहेती फर्म को ठेका दिलाने के लिये ईपीएफओ की शर्त को भी टेंडर से हटा दिया। मामला सामने आने पर नगर आयुक्त ने उप नगर आयुक्त पूजा त्रिपाठी, मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी, लेखाधिकारी अनुराग सिंह की जांच समिति से पांच दिन में रिपोर्ट मांगी है।
टेंडर कमेटी में शामिल रहे अपर नगर आयुक्त सुनील कुमार यादव सीनियर पीसीएस अफसर हैं, जबकि उप नगर आयुक्त पूजा त्रिपाठी उनकी जूनियर हैं। ऐसे में सीनियर अफसरों की जांच जूनियर से कराने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जांच के घिरे अफसर अपनी गर्दन बचाने के लिए नगर आयुक्त को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। बताते हैं कि उन्होंने नगर आयुक्त के सामने दावा किया फर्म को केवल दो साल के लिए ही ब्लैक लिस्टेड किया गया था। हालांकि आदेश में स्पष्ट है कि परमार कंस्ट्रक्शन को फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र लगाने और तथ्यों को छिपाया पर पांच साल के लिए ब्लैक लिस्टेड किया गया था। इसके बाद से फर्म ब्लैक लिस्ट की श्रेणी में है। जांच पूरी होने के बाद क्या कार्रवाई होती है यह तो वक्त ही बताएगा।
इस मामले में bareilly nagar nigam मेयर डॉ. उमेश गौतम से लेकर नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने दावा किया है कि टेंडर में गड़बड़ी करने वाले जो भी जिम्मेदार होंगे वे कार्रवाई से बच नहीं पाएंगे। उनका कहना है कि कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के साथ ही फर्म के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें- नगर निगम: पांच साल पहले ब्लैक लिस्टेड हुई फर्म, एक साल से कर रही थी काम, कई अफसर जांच के घेरे में