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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
पीलीभीत में आदमखोर बाघ का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले बारह दिनों के भीतर बाघ के हमले में यह तीसरी मौत हुई है, जिसने क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। रविवार शाम को पूरनपुर तहसील क्षेत्र में पीलीभीत टाइगर रिजर्व की हरीपुर रेंज के समीप स्थित गांव खिरकिया बरगदिया में गन्ने के खेत में गुड़ाई कर रही एक 55 वर्षीय वृद्ध महिला लौंग देवी को बाघ ने हमला कर मार डाला।
हरीपुर जंगल के पास खेत में बाघ का हमला, महिला बाल-बाल बची
घटना उस वक्त हुई जब शाम करीब तीन बजे लौंग देवी अपने गन्ने के खेत में गुड़ाई कर रही थीं। यह खेत हरीपुर जंगल से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। जंगल से अचानक निकले बाघ ने उन पर हमला कर दिया। पास के खेत में काम कर रहे महिला के पति ने जब यह भयावह दृश्य देखा तो शोर-शराबा करना शुरू कर दिया। उनके चिल्लाने पर आसपास के खेतों में काम कर रहे तमाम ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। भीड़ देख बाघ भी जंगल की ओर भाग निकला।
बाघ का खेत में हमला: महिला पर झपटा, ग्रामीणों की भीड़ ने खदेड़ा
ग्रामीण जब लौंग देवी के पास पहुंचे तो उनकी सांसें थम चुकी थीं। धीरे-धीरे मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस और हरीपुर रेंज की टीम भी मौके पर पहुंच गई। टीम को देखते ही भीड़ आक्रोशित हो उठी और हल्की नोकझोंक भी हुई। हालांकि, पुलिस के समझाने पर लोग शांत हो गए, जिसके बाद पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
जिलाधिकारी ने दिए निर्देश, स्थिति स्पष्ट नहीं
घटना की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह भी गांव खिरकिया बरगदिया पहुंचे। उन्होंने मृतक महिला के परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस दौरान जिलाधिकारी ने वन अफसरों से घटना के संबंध में जानकारी ली और मृतक के परिजनों को शासन द्वारा निर्धारित मुआवजा दिलाने तथा जंगल सीमा पर तार फेंसिंग (जाल फेंसिंग) कराने के निर्देश दिए।
हरिपुर रेंज के क्षेत्रीय वनाधिकारी सहीर अहमद का कहना है कि एक महिला की मौत हुई है। फिलहाल, महिला की मौत बाघ के हमले से हुई है या किसी अन्य वन्यजीव के हमले से, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
इस मौके पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के उप प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चौहान समेत रेंज स्टाफ भी मौजूद रहा। लगातार हो रहे बाघों के हमलों से ग्रामीण दहशत में हैं और वन विभाग के सामने इन घटनाओं को रोकने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।