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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
हाईवे से लेकर अन्य जिला मार्गों पर घूम रहे गोवंशों से हादसों को बचाने के लिए जिला प्रशासन ने नया जुगाड़ निकाला है। इन छुट्टा गोवंशों के गले में जल्द ही रेडियम वाला पट्टा डालने की तैयारी हो रही है। शुरूआती दौर में दो हजार गोवंशों के गले में रेडियम वाला पट्टा डालने की रूपरेखा तैयार हुई है।
डीएम अविनाश सिंह ने बताया कि जिले में सरकारी तौर पर कुल 118 गोशालाएं हैं। जिनमें 15,525 हजार से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। इसके अलावा व्यक्तिगत लोगों के (सहभागिता) पास 950 गोवंश संरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि छुट्टा गोवंशों से मार्गों पर काफी दुर्घटनाएं हो रही हैं। वैसे तो अधिकांश छुट्टा गोवंश गोशालाओं में संरक्षित हैं, लेकिन अभी भी जो गोवंश गोशालाओं से बाहर हैं उनके कारण मार्गों पर हादसे न हों। इसके लिए कोशिश है कि सड़कों पर घूमने वाले गोवंशों के गले में रेडियमयुक्त पट्टा डाला जाए, ताकि वाहन चालक रात के समय में उन्हें दूर से ही देख-पहचान सकेंगे। डीएम ने बताया कि मार्गों के डिवाइडर पर लगे फूल-पौधों के कारण उसमें मौजूद छुट्टा गोवंश अचानक मार्ग पर आ जाते हैं और वाहन चालक को उसे देखने में देर होने पर हादसे की संभावना बढ़ जाती है। इन छुट्टा गोवंशों के गले में जब रेडियमयुक्त पट्टा होगा तो वह रात के समय में रोशनी पड़ने पर दूर से चमकेगा। डीएम ने बताया कि शुरूआती दौर में दो हजार छुट्टा गोवंशों के गले में रेडियम वाला पट्टा डालने की कोशिश हो रही है। इसके लिए उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। रेडियम वाले पट्टों की खरीदारी गो-संवर्धन फंड से होगी। इन्हें जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदा जा रहा है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनमोहन पांडेय ने बताया कि डीएम के निर्देश मिले हैं, लेकिन जेम पोर्टल पर रेडियमयुक्त पट्टे का सप्लायर खोजे नहीं मिल रहा है। पहले जेम पोर्टल पर सप्लायर मिले, उसके बाद खरीदारी के लिए डीएम से अनुमोदन लेंगे। उनहोंने बताया कि गो-संवर्धन फंड में दान की धनराशि होती है।