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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
शासन से गठित तीनाें टीमों ने जिले की गोशालाओं में भूसा खरीद में हुई घपलेबाजी की जांच बुधवार से शुरू कर दी है। टीमों में कुल नौ अधिकारी शामिल हैं। पहले दिन आठ ब्लॉकों में 13 गोशालाओं की स्थिति की पड़ताल हुई है। इस दौरान लगभग पूरे जिले के प्रधानों-पंचायत सचिवों में खलबली मची रही। वहीं, पशुपालन विभाग के अधिकारी भी परेशान रहे। नवाबगंज में लाईखेड़ा में टीम को पता चला कि पंचायत सचिव की आइडी-पासवर्ड से गोशाला के आंकड़े पोर्टल पर सीवीओ ऑफिस से ऑपरेट हो रहे हैं।
संयुक्त निदेशक डॉ. सतीश अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने जांच टीम के साथ भोजीपुरा, दमखोदा व बहेड़ी ब्लॉक की कुल पांच गोशाला देखी है। इसमें मौके पर स्थिति संतोषजनक मिली है लेकिन, रिकॉर्ड नहीं मिला है। जिसके लिए उन्होंने बृहस्पतिवार दोपहर तक प्रधान-सचिव को रिकॉर्ड के साथ तलब किया है। संयुक्त निदेशक ने कहा कि प्रधान-सचिव ने टेंडर वाली एजेंसी का मूल्य महंगा होने और खुले बाजार में भूसा सस्ता होने की बात बीडीओ को लिखित में नहीं दी है। ये गलती सामने आई है।
दान में कितना भूसा मिला, इसका सत्यापन मुश्किल है। जितनी मात्रा प्रधान-सचिव बता रहे हैं, हमें मानना पड़ रहा है। संयुक्त निदेशक डॉ. संजय श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने टीम के साथ क्यारा, मझगवां व रामनगर ब्लॉक की पांच गोशाला देखी हैं। मौके का हाल देखने के बाद अब पोर्टल की स्थिति जांचेंगे। इसके बाद अभिलेखों का मिलान करेंगे।
नवाबगंज के लाईखेड़ा में गोशाला तक पहुंच मार्ग पर कीचड़ होने से शासन की टीम को करीब 800 मीटर पहले ही गाड़ी छोड़नी पड़ी। यहां भूसे का स्टाक व पशु गणना रजिस्टर देखा। सितंबर 2024 से पहले गोशाला का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। प्रधान-पंचायत सचिव ने 1700 क्विंटल भूसा खरीदने व 31 क्विंटल दान में मिलना बताया। गोशाला में 74 पशु हैं। एक साल से किसी पशु की मृत्यु नहीं हुई है। टीम ने हैरत जताई और पंचायत सचिव नरेश राठौर से पोर्टल पर देखकर पशु की संख्या बताने को कहा। रामनगर के चंदुपुरा शिवनगर की गोशाला में शाम 5.30 बजे के दौरान टीम पहुंची थी।
यहां करीब 10 मिनट रुककर हरा चारा और भूसा के बारे में पूछा। फिर पशु चिकित्सालय में आकर गोशाला के अभिलेख देखे, जो आधे-अधूरे थे। इस दौरान प्रधान प्रवेश कुमार व सचिव सुरेंद्र मौजूद रहे। मझगवां में टीम के अधिकारियों को राजपुर कलां की गोशाला में जल भराव और गंदगी मिली। सचिव रूपराम मौर्य और प्रधान रमेश गुप्ता बिल-बाउचर दुरुस्त करने में जुटे थे। बहेड़ी : पुनाई गांव की गोशाला में टीम ने स्टाक व पशुगणना रजिस्टर देखा। यहां 80 पशु मिले। भोजीपुरा : टीम ने मकरंदापुर व महेशपुर शिव सिंह की गोशाला देखी। दोनों गोशाला के अभिलेख एनजीओ संचालक ने वृहस्पतिवार को दिखाने को कहा है।