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दो युवतियों का धर्मांतरण कराने की कोशिश करने वाले गिरोह का प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन से ताल्लुक सामने आया है। यह जानकारी पुलिस को युवतियों के मोबाइल में मौजूद विभिन्न चैट से मिली है। फिलहाल दोनों युवतियों के मोबाइलों को पुलिस ने फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। मोबाइलों की पहली चैट को भी रिट्रीव करने के बाद और अधिक जानकारी मिल सकती है। इसके संबंध में अब केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं।
गत 18 जुलाई को रानीपोखरी थाने में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी यहां के एक कारोबारी की बेटी का धर्मांतरण कराने का प्रयास कर रहे थे। इसके लिए उसे विभिन्न तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे थे। पुलिस ने जब इसकी तहकीकात शुरू की तो पता चला कि आरोपियों ने प्रेमनगर में रहने वाली एक बरेली की युवती को भी अपने झांसे में लिया है। इस युवती को उन्होंने पाकिस्तान के मौलवी से इस्लाम की शिक्षा दिलाई। युवती से रकम लेकर उसे देहरादून के सुलेमान (जो कि दुबई में रहता है) ने पाकिस्तान के इस मौलवी को भी भेजा था। इस मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई कि युवती इजिप्ट (मिश्र) के रिवर्ट टू इस्लाम नाम के ग्रुप में जुड़ी हुई थी।
इसके अलावा वह पाकिस्तानी लूडो के एप में भी जुड़ी थी। युवती से इन ग्रुपों और एप के माध्यम से इजिप्ट और पाकिस्तान के बहुत से लोग जुड़े हुए थे जो कि उसे इस्लाम की अच्छाइयां बताकर दूसरे धर्मों में बुराइयां बताते थे। मामले की जांच में जुटे पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस बातचीत में कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनका ताल्लुक प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन से है।
करीब 100 साल पुराना यह संगठन इस्लाम की विचाराधारा का पोषण करता है। कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के चलते इस संगठन को दुनिया के कई देशों ने प्रतिबंधित किया है। इनमें बहुत से मुस्लिम राष्ट्र भी शामिल हैं। कुछ समय पहले ही जॉर्डन ने भी इस संगठन को प्रतिबंधित किया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक युवतियों के मोबाइलों की फोरेंसिक जांच के बाद बड़ी जानकारी हासिल हो सकती है।
बरेली के प्रेमनगर में रहने वाली यह युवती केवल पाकिस्तान के मौलवी से ही बातचीत नहीं करती थी बल्कि उसके साथ कई और भी चैटिंग करते थे। पाकिस्तान के युवकों ने ही उसे मौलवी से शिक्षा लेने की बात कही थी। युवती ने रिवर्ट टू इस्लाम ग्रुप में भी 200 से अधिक लोगों से बात की थी। यह ग्रुप मिश्र से संचालित किया जाता है। इसमें हजारों की संख्या में लोग जुड़े हुए हैं जो दुनियाभर के युवाओं को इस्लाम में शामिल होने का प्रलोभन देते हैं।
युवती के दर्ज कराए गए मजिस्ट्रेटी बयान
पुलिस ने मामले की तहकीकात और बयानों को पुख्ता करने के लिए प्रेमनगर की रहने वाली युवती के मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कराए हैं। जबकि रानीपोखरी की युवती के फिलहाल मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज नहीं कराए जा सके हैं। पुलिस के अनुसार बयानों के बाद ही पुलिस टीम को आगरा में बी वारंट के आवेदन के लिए भेजा जाएगा। आरोपियों से पूछताछ के बाद और भी तथ्य सामने आ सकते हैं। इनमें ये तथ्य आगरा पुलिस से अलग होने की भी संभावना जताई जा रही है।
फिलहाल मामले की जांच चल रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस से भी लगातार समन्वय किया जा रहा है। युवतियों के मोबाइलों से बहुत सी जानकारियां मिली हैं जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जांच के बाद और भी जानकारियां मिल सकती हैं। - अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून