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सरकारी अधिवक्ता दिगंबर पटेल
बरेली, वाईबीएन संवाददाता।
तीन साल पहले मुकदमें के वादी की शहर के गंगापुर बाजार में सरेशाम हत्या करने वाले दो सगे भाइयों को न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई। सरकारी अधिवक्ता की अकाट्य बहस के सामने हत्यारों के सारे तर्क धराशायी हो गए और फौजदारी न्यायालय ने दोनों हत्यारों को उम्र कैद की सजा के साथ जुर्माने से भी दंडित किया। जुर्माना न अदा करने की स्थिति में दोनों हत्यारों को छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
21 नवंबर 2022 की है घटना
अभियोजन पक्ष के अनुसार 21 नवंबर 2022 को दिन के ढाई बजे राहुल उर्फ अप्पा और उसके भाई दीपक उर्फ अप्पा ने आपसी रंजिश में वादी के भाई सुजीत उर्फ गोला की किसी आग्नेय शस्त्र से गोली मारकर हत्या कर दी। राहुल और दीपक इस बात से मृतक से रंजिश मानते थे कि एक दिन पहले मृतक की दोनों अभियुक्त के पिता गया प्रसाद से किसी बात को लेकर मामूली कहासुनी हो गई थी। उसके बाद राहुल और दीपक दोनों ने इसी रंजिश में आकर अगले दिन यानी कि 21 नवंबर 2022 को इस घटना को अंजाम दे डाला। इसमें घटनास्थल पर मौजूद दिनेश, परचून दुकानदार श्यामलाल समेत कुछ अन्य गवाहों के बयान भी न्यायालय में दर्ज कराए गए। साक्षी कुंजबिहारी ने भी न्यायालय में इस बात की गवाही दी कि उनकी आंखों के सामने हत्यारों ने घटना को अंजाम दिया। दोनों हत्यारे सगे भाई हैं। दोनों ने मृतक को परचून की दुकान के सामने पीछे से तमंचा सटाकर गोली मार दी।
पुलिस ने मूर्ति नर्सिंग के पास की अभियुक्तों की गिरफ्तारी
थाना बारादरी पुलिस के एसएसआई अभिषेक कुमार की तरफ से बताया गया कि उन्होंने पुलिस के सहयोगी इसरार अली, विनय कुमार, बलवीर और सत्येंद्र की मदद से 22 नवंबर 2022 को अपरान्ह तीन बजे गंगापुर बाजार से राहुल उर्फ अप्पा को पकड़ा। उसके बाद जब जामा तलाशी ली गई तो उसके पास से 315 बोर तमंचा, एक जिंदा कारतूस बरामद हुए। इसी तमंचे से राहुल उर्फ अप्पा ने 21 नवंबर 2022 को वादी के भाई सुजीत की हत्या की थी। उप निरीक्षक इसरार अली ने थाने में दर्ज एफआईआर में बताया कि 22 नवंबर 2022 को मूर्ति नर्सिंग होम से 100 मीटर पहले मुखबिर ने अभियुक्त राहुल उर्फ अप्पा की पहचान की। तब उसे पुलिस द्वारा उत्तर दिशा में दबिश देकर पकड़ा। अभियुक्त की गिरफ्तारी की फर्द भी मौके पर बनाई गई। आपसी भलाई-बुराई की वजह से जनता का कोई भी व्यक्ति तुरंत अभियुक्तों की तरफ से गवाही के लिए तैयार नहीं हुआ। बाद में गवाह सामने आए। सरकारी अधिवक्ता दिगंबर पटेल ने वादी पक्ष की तरफ से न्यायालय के सामने अकाट्य तर्क रखे। उनके तर्कों के सामने प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता के तर्क टिक नहीं सके। दोनों के तर्क सुनने के बाद कोर्ट संख्या आठ के न्यायाधीश ने दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया। न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि अगर अभियुक्त जुर्माना नहीं अदा करते हैं तो उनको छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।