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दक्ष शर्मा पाराशर
बरेली,वाईबीएन संवाददाता।
भाजपा की स्थानीय राजनीति में संघ से जुड़े भाजपा के युवा नेता दक्ष शर्मा पाराशर की अचानक एंट्री से स्थानीय पार्टी नेताओं में बेचैनी का माहौल है। उनको केंद्रीय गृह मंत्रालय की संस्तुति पर भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है। वैसे तो केंद्र सरकार की इस समिति के अध्यक्ष केंद्रीय गृह मंत्री होते हैं। बाकी के नामित सदस्यों में राजनीति में लंबे अनुभव प्राप्त नेता या फिर सीनियर आईएएस रखे जाते हैं। मगर, आयुष मंत्रालय की इस समिति में यूं तो देश भर से 28 सदस्य नामित किए गए हैं। इनमें पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई, अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम और आगरा के रहने वाले राज्य सभा सदस्य नवीन जैन के अलावा कई सीनियर आईएएस भी हैं। लेकिन, आरएसएस की सामाजिक गतिविधियों से लंबे समय से गहरा जुड़ाव रखने वाले दक्ष शर्मा पाराशर बरेली की राजनीति में केंद्रीय आयुष मंत्रालय समिति के नामित ऐसे सदस्य हैं,अभी फिलहाल किसी सदन के सदस्य नहीं है। फिर भी उनको केंद्रीय मंत्रालय की कमेटी में सदस्य नामित होना भविष्य की राजनीति के संकेत हैं। उसके बाद फतेहगंज पश्चिमी से लेकर बरेली सर्किट हाउस तक दक्ष शर्मा का युवा भाजपा नेताओं ने जिस तरह से फूल मालाओं से स्वागत किया। उससे भी पुराने पार्टी नेताओं में एक तरह से खलबली मच गई।
वैसे तो बरेली भाजपा में अब तक दो ध्रवीय राजनीति चलती रही है। एक समय था, जब सत्ता का एक केंद्र भारत सेवा ट्रस्ट और दूसरा केंद्र कालीबाड़ी को माना जाता था। बीते तीन साल में बरेली भाजपा की राजनीति में काफी बदलाव देखने को मिले। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने कुछ पुराने दिग्गजों को जनता से जुड़ी सीधी राजनीति से हटाकर नई जिम्मेदारी दे दी। उनमें एक दिग्गज पड़ोसी राज्य के महामहिम बन गए तो दूसरे संगठन में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद पाकर अभी भी भाजपा की राजनीति में काफी दखल रखते हैं। पुराने दिग्गज नेताओं की भारपाई के लिए भाजपा ने कुछ नए युवा नेताओं को भी संगठन से लेकर सरकार तक आगे बढ़ाया है। अगर वर्ष 2022 के बाद भाजपा की राजनीति पर एक नजर डालें तो डेढ़ साल पहले क्षेत्रीय संगठन में अध्यक्ष पद पर जमीनी स्तर की छात्र राजनीति से निकले पार्टी नेता दुविर्जय सिंह शाक्य की ताजपोशी करके पार्टी ने युवाओं को बड़ा संकेत दिया था। उसके बाद भाजपा के जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष पदों पर भी बदलाव देखने को मिला। मगर, हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं संघ की सामाजिक गतिविधियों में लंबे समय से योगदान देने वाले युवा नेता दक्ष शर्मा पाराशर को आयुष मंत्रालय में उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेताओं के साथ हिंदी सलाहकार सदस्य नामित करना पार्टी की भविष्य की राजनीति के संकेत हैं।
सूत्रों के अनुसार अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व युवा नेता दक्ष शर्मा पाराशर को 2027 के चुनाव में बरेली की किसी न किसी विधानसभा से टिकट देकर राजनीति में युवा नेतृत्व को आगे बढ़ा सकता है। युवा नेता के तौर पर अब तक राजनीति में उनकी छवि गंभीर होने के साथ गैर विवादित भी है। हालांकि अभी भाजपा के अंदर राष्ट्रीय और उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष नियुक्त करने पर मंथन चल रहा है। संगठन के दोनों महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति के बाद बरेली की राजनीति भी करवट बदलेगी। बरेली में ब्राम्हण चेहरे के तौर पर राजनीति करने वाले वर्तमान में कुछ ही नेता हैं। इनमें अब दक्ष शर्मा पाराशर का नाम भी प्रमुखता से लिया जाने लगा है। दक्ष शर्मा पाराशर की युवा चेहरे के तौर पर पहचान बनने से भाजपा के उन दिग्गज नेताओं में खलबली मची है, जो बरेली में किसी न किसी बहाने से संगठन और सरकार की राजनीति में अपने बेटे-बेटियों को सेट करना चाहते हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उन 100 से ज्यादा विधायकों के टिकट काटने जा रही है, जो किसी न किसी रुप में निष्क्रिय हैं। विधायक बनने के बाद जिनका अब जनता से उनका जुड़ाव न के बराबर रह गया है। बरेली में भी ऐसे नेताओं की संख्या ठीक-ठाक है। उनकी जगह पर दक्ष शर्मा पाराशर जैसे युवा नेताओं को तरजीह दी जा सकती है।
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