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योगी सरकार ने मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिए नया तरीका अपनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के हर जिले में मिलावटखोरों की सूची तैयार की जा रही है। यह सूची डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी जांच के बाद शासन को भेजेगी। शासन के निर्देश पर मिलावटखोरों के नाम की सूची शहर के प्रमुख चौराहों पर चस्पा की जाएगी, जिससे लोग मिलावटखोरों को पहचान सकें।
जनपद बरेली में खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलावटखोरों की सूची तैयार की जा रही है। इसमें इसमें 10 ऐसे कारोबारियों के नाम शामिल किए जाएंगे, जो पिछले सात सालों से लगातार खिलावटखोरी करते आए हैं। एफएसडीए ने बनाई सूची को डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी चेक करेगी। टीम की ओर से फाइनल की गई सूची शासन को भेजी जाएगी।
खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बरेली के 10 ऐसे व्यापारियों के नाम शासन को भेजे जाएंगे, जिनके उत्पादकों के नमूने पिछले साल सालों से लगातार अधोमानक और असुरक्षित पाए जा रहे हैं, और कार्रवाई के बावजूद व्यापारी ने अपने उत्पाद में कोई सुधार नहीं किया। इस संबंध में खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच करने वाली लैब से भी पिछले सालों का ब्योरा मांगा है।
जनपद बरेली में खाद्य सुरक्षा विभाग ने वर्ष 2024-25 में अलग-अलग स्थानों से खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे थे। अब तक लैब से 981 नमूने की जांच रिपोर्ट विभाग को मिली है। इनमें 537 खाद्य पदार्थों के नमूने जांच में फेल हो गए, जबकि 111 असुरक्षित पाए गए। इनमें कुछ ऐसे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं।
बरेली के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल ने बताया कि शासन के आदेश पर मिलवट करने वालों की सूची तैयार की जा रही है। सूची में ऐसे व्यापारियों के नाम शामिल किए जा रहे हैं, जिनके उत्पाद पिछले सात सालों में असुरक्षित या अधोमानक पाए गए। अभी केवल 10 मिलावटखोरों के नाम शासन को भेजे जाने हैं।