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मझगवां और बिलसंडा ब्लाक में मलेरिया के सर्वाधिक केस

मंडल के तीन लाख 47 हजार 639 लोगों की मलेरिया स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 2,112 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। बरेली जिले के मझगवां ब्लाक और पीलीभीत के बिलसंडा ब्लाक में मलेरिया के सर्वाधिक केस आ रहे हैं।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

मंडल के तीन लाख 47 हजार 639 लोगों की मलेरिया स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 2,112 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। बरेली जिले के मझगवां ब्लाक और पीलीभीत के बिलसंडा ब्लाक में मलेरिया के सर्वाधिक केस आ रहे हैं। इसे लेकर मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने कहा है कि दोनों जिले के स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए गंभीरता के साथ काम करें। ताकि, पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य में जल्द सुधार आए।

मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को विकास भवन स्थित सभागार में मंडलीय समीक्षा बैठक हुई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में मंडलायुक्त ने पाया कि नियमित टीकाकरण के अंतर्गत हेपेटाइटिस-बी की डोज देने में बदायूं और शाहजहांपुर की स्थिति कमतर है। उन्होंने मंडल के सभी सीएचसी के फायर सेफ्टी के लिए मानकों को पूरा करते हुए सर्टिफिकेट लेने का निर्देश दिया।

यूनिसेफ द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें बताया गया कि डिलवरी पॉइंट सक्रिय करने में सबसे अच्छा काम शाहजहांपुर में हुआ है। 25 डिलवरी पॉइंट सक्रिय हुए हैं, जिनमें से आठ में बड़ी संख्या में डिलवरी हो रही हैं। इस पर मंडलायुक्त ने खुशी जताते हुए स्टाफ को सम्मानित करने का निर्देश दिया। इसके अलावा मंडलायुक्त को बताया गया कि आकांक्षात्मक ब्लाकों में भी अच्छा काम हुआ है। सबसे ज्यादा 12 आकांक्षात्मक ब्लाक बरेली मंडल में हैं। एएनसी क्लीनिक अच्छा चल रहा है और आईएसडीएस में सुधार की जरूरत है।

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संयुक्त कृषि निदेशक ने यूरिया और डीएपी की उपलब्धता के बारे में बताया। कहा कि शाहजहांपुर में लक्ष्य के सापेक्ष मात्रा कुछ कम है। शेष अन्य जनपदों में लक्ष्य के सापेक्ष खाद की उपलब्धता अधिक है। बाढ़ से निपटने की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 33 योजनाएं थी, जिनमें 32 पूरी हो गई। शेष एक का 86 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। शिक्षा विभाग द्वारा बताया गया कि सीएम कंपोजिट स्कूल योजना के तहत मंडल के प्रत्येक जनपद में दो-दो स्कूलों का चयन कर लिया गया है। 


बैठक में निराश्रित गोवंश संरक्षण और गोशाला निर्माण की समीक्षा की गई। मंडलायुक्त को बताया गया कि बदायूं में अच्छा काम हो रहा है। बड़ी संख्या में नंदियों को संरक्षित किया जा रहा है। इस पर मंडलायुक्त ने कहा कि अन्य जनपदों में भी नंदी संरक्षण का काम किया जाए। शासन को गोशालाओं की बांउड्री वाॅल बनाने का प्रस्ताव भेजा जाए। जिन गोशालाओं में जलभराव की समस्या है, वहां मिट्टी भराव का काम सीएसआर या कार्यदायी संस्था से कराया जाए।


मंडलायुक्त ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना की समीक्षा की। उन्हें बताया गया कि मंडल में 1866 लोगों को ऋण वितरण किया गया है। इसमें सबसे अच्छा काम बरेली जिले में हुआ है। मंडलायुक्त ने कहा कि सीएम डैशबोर्ड में पर्यटन के कामों को भी इस बार सम्मिलित कर लिया गया है। इसी प्रकार आईजीआरएस पोर्टल की रैंकिंग की समीक्षा की गई। इसमें बरेली मंडल पांचवें स्थान पर है और मंडल का संतुष्टि प्रतिशत 50.54 है। इसे लेकर मंडलायुक्त ने कहा कि अगली बार से विभागवार संतुष्टि प्रतिशत भी प्रस्तुत किया जाए। मंडलायुक्त ने अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण की समीक्षा करते हुए कहा कि जमीन चिह्नित कर जल्दी से निर्माण कार्य कराया जाए। लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने मंडलायुक्त को बताया कि मंडल में 180 सड़कों का निर्माण होना है। उनमें से 114 का काम पूरा हो चुका है, शेष 66 का काम चल रहा है। बैठक में संयुक्त विकास आयुक्त प्रदीप कुमार, डीएम बरेली अविनाश सिंह, डीएम पीलीभीत ज्ञानेंद्र सिंह, डीएम बदायूं अवनीश राय और डीएम शाहजहांपुर धर्मेंद्र प्रताप सिंह मौजूद रहे।       

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ग्राम सड़क सुरक्षा समिति के गठन का निर्देश

मंडलायुक्त ने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाने के लिए ग्राम सड़क सुरक्षा समिति का गठन करने का निर्देश दिया। समिति में ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, स्थानीय स्कूल के शिक्षकों, आशा कार्यकर्ता, पुलिस बीट प्रभारी और युवा स्वयंसेवक शामिल होंगे। समिति की त्रैमासिक बैठकें होंगी, जिनमें सड़क सुरक्षा से संबंधित विषयों पर चर्चा, स्थानीय दुर्घटनाओं की समीक्षा और सुधारात्मक कार्रवाई तय की जाएगी। इस कार्रवाई के तहत सर्वप्रथम ब्लॉक स्तर पर ग्रामीण सड़क सुरक्षा समिति की बैठक होगी। जिसमें एआरटीओ, एसडीएम, सीओ, थानाध्यक्ष, बीडीओ, बीईओ, वीडीओ और ग्राम प्रधान शामिल होंगे। बैठक में समिति को उसके काम के बारे में बताया जाएगा। समितियों से क्षेत्र के ब्लैक स्पॉट की सूची प्राप्त कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। 
मंडलायुक्त ने 50 लाख से अधिक लागत के न शुरू हुए निर्माण कार्यों, पूरे लेकिन अहस्तांतरित कार्यों, 50 लाख से अधिक लागत के कार्यों और सड़कों के निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों के हस्तांतरण के पूर्व एनओसी की आवश्यकता है, उसके लिए आवेदन करें। जो कार्यदायी संस्थाएं काम में अनावश्यक देरी कर रही हैं, उनकी एलटी काटते हुए रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाए।

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