/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/28/PAfuRXONRYY8LgFZy9Rv.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
श्रीराम मूर्ति स्मारक रिद्धिमा में रविवार देर रात नाटक “बगिया बांछा राम की” का मंचन किया गया। प्रथम पथ थिएटर की ओर से प्रस्तुत और मनोज मिश्र लिखित इस नाटक का निर्देशन सुधीर राणा ने किया। ग्रामीण कथावस्तु और संवेदनाओं पर केंद्रित इस नाटक ने दर्शकों की भावनाओं को झकझोरा। नाटक में ग्रामीण परिवेश में जमीन और बगिया के स्वामित्व को लेकर चल रही खींचतान और लालच को सहजता और हास्य के माध्यम से दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया गया।
यह नाटक एक बुजुर्ग व्यक्ति बांछाराम पर केंद्रित है, जो बूढ़ा और कमजोर होने के बावजूद अपनी कीमती बगिया को बचाए रखने के लिए दिन-रात मेहनत करता है। यही बगिया उसकी आजीविका का आधार है। फिर उसे एक अमीर जमींदार की आत्मा सताती है, जो उसे अपनी जमीन का स्वामित्व अपने बेटे को सौंपने का आदेश देती है। असल में यह जमींदार के बेटे की चाल होती है, जो जमीन को हथियाना चाहता है। जब बांछाराम उसकी चालों के आगे नहीं झुकता, तो वह उसे एक योजना में फंसाकर कुछ जमीन अपने नाम कराने में सफल हो जाता है, यह सोचकर कि बांछाराम जल्दी मर जाएगा।
परन्तु बांछाराम पैसे का अच्छा उपयोग करता है और कुछ ही समय में स्वस्थ और मजबूत हो जाता है। जब जमींदार का बेटा उसे देखने आता है, तो एक सशक्त बांछाराम को देखकर स्तब्ध रह जाता है। फिर वह उसे जहर देने की साजिश करता है, लेकिन बार-बार विफल रहता है। कई असफल प्रयासों के बाद, अंततः जमींदार का बेटा स्वयं बीमारी होकर मृत्यु को प्राप्त होता है। रॉबिन खन्ना ने बांछाराम की भूमिका में दर्शकों को भावनात्मक रूप से बांधे रखा। अर्जुन नंदा (गोपी), नव्या जैन (पदमा), अजय टोंगर (नौकोड़ी), निधि सक्सेना (मालकिन), निशांत पांडेय (चेकोडी), मोहनलाल अरोरा (मुख्तार), प्रियांश राजपूत (छोटन), रवि शंकर (चोर), मनीष चौहान (डॉक्टर, वकील, रिपोर्टर और तांत्रिक) ने अपनी भूमिकाओं में संजीदा अभिनय किया। नाटक में प्रकाश, संगीत और निर्देशन, तीनों जिम्मेदारियां सुधीर राणा ने संभालीं। मंच संचालन प्रियांश राजपूत और रवि शंकर ने किया। कॉस्ट्यूम डिजाइन नव्या जैन और मेकअप निधि सक्सेना द्वारा किया गया। स्टेज मैनेजमेंट की भूमिका अजय टोंगर ने निभाई। इस अवसर पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक एवं चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, सुभाष मेहरा, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार, डा.शैलेश सक्सेना सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे।