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दुष्कर्मी को दस साल की सजा, 22 हजार का जुर्माना लगाया

दुष्कर्म के दोषी को अपर जिला जज भूलेराम ने दस साल के कारावास की सजा सुनाई। 22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। पीड़िता ने थाना पसगवां में मुकदमा दर्ज कराया था कि 23 सितंबर, 2014 को वह शाम चार बजे खेत पर पति को खाना देकर वापस आ रही थी।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

दुष्कर्म के दोषी को अपर जिला जज भूलेराम ने दस साल के कारावास की सजा सुनाई। 22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

अभियोजन पक्ष ने बताया कि पीड़िता ने थाना पसगवां में मुकदमा दर्ज कराया था कि 23 सितंबर, 2014 को वह शाम चार बजे खेत पर पति को खाना देकर वापस आ रही थी। खेत के समीप बाग में मौजूद प्रेमदास ने जबरन उसे झोंपड़ी में खींच लिया। उसके गोद में बच्चा था। प्रेमदास ने बच्चे को छीनकर जमीन पर पटक दिया। उसके साथ दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसने गर्दन भी दबा दी।

आरोपी जान से मारने की धमकी देकर चला गया

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शोर सुनकर पड़ोस से निकल रहे एक व्यक्ति ने उसकी जान बचाई। इसके बाद आरोपी जान से मारने की धमकी देकर चला गया। शिकायत करने पर आरोपी ने पति को भी मारने की धमकी दी। घटना के बाद पीड़िता तहरीर लेकर पसगवां गई, जहां पर पुलिस ने मुकदमा लिखने से मना कर दिया। इसके बाद मिन्नतें करने के बाद पुलिस ने एनसीआर दर्ज की। घटना की जानकारी अधिकारियों को हुई तो पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने दुष्कर्म की धारा में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया।

अभियोजन पक्ष की ओर से पीड़िता सहित रतिराम, लाखन पासी, डा. अमृता सिंह, मो. अमीर, जावेद खां विवेचक व देशराज यादव की गवाही हुई। गवाह रतिराम को छोड़कर सभी ने घटना का समर्थन किया। इसके बाद अभियुक्त प्रेमदास को अपर जिला जज भूलेराम ने दोष सिद्ध करते हुए दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।

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