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कथावाचक पंडित राधेश्याम रामायण के 6 नाटकों के मंचन ने दर्शकों का मन मोहा

रोहिलखंड सांस्कृतिक परिषद ने कथावचक पंडित राधेश्याम की पुण्यतिथि पर उनके द्वारा रचित रामायण की कथाओं का मंचन का किया। रामायण के 6 नाटकों की सराहनीय प्रस्तुति दी गई।

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Sudhakar Shukla
राधेश्याम रामायण की कथा का मंचन करते हुए कलाकार

राधेश्याम रामायण की कथा का मंचन करते हुए कलाकार

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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

रोहिलखंड सांस्कृतिक परिषद ने नगर ही नहीं देश दुनिया की विभूति माने जाने वाले पंडित राधेश्याम कथा वाचक की पुण्यतिथि पर उनके द्वारा रचित रामायण मंचन का किया। इसमें 6 नाटकों की सराहनीय प्रस्तुति दी गई। कलाकारों के संवाद दर्शकों के दिल में अपनी जगह बना गए। 

कथावाचक पंडित राधेश्याम के नाम पर होगा सेटेलाइट बस अड्डे का नाम 

अर्बन हाट के नव निर्मित 'वैमावे ऑडिटोरियम' में कार्यक्रम का आरंभ मंडल आयुक्त सौम्या अग्रवाल ने कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन से किया। महापौर उमेश गौतम ने नगर निगम की और से पंडित राधेश्याम कथावाचक की प्रतिम लगाने की बात कही। महापौर ने सेटेलाइट बस अड्डे का नाम पंडित राधेश्याम कथावाचक नाम पर करने को शासन को प्रस्ताव भेजने की भी बात कही। व्यवसायी शारदा भार्गव और पंडित जी के पौत्र संजय शर्मा ने अपने बाबा राधेश्याम कथावाचक  से जुड़े प्रसंग को साझा किया। आयोजकों की और से उनको बुके देकर स्वागत किया गया। इतिहासकार डॉ. अनिल मिश्रा 'पार्थ' के दिशा निर्देशन में रोहिलखंड की अप्रतिम विभूति प्रख्यात साहित्यकार एवं नाटककार स्व. पं. राधेश्याम कथावाचक की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। रोहिलखण्ड सांस्कृतिक परिषद की और से प्रथम बार 'राधेश्याम रामायण' के विशिष्ट संवादों की जोरदार नाट्य प्रस्तुति की गयी ।
पंडित राधेश्याम अपनी एक अलग ही अनूठी संवाद शैली के लिए वह देश दुनिया में विख्यात रहे हैं। उन्हें ही केन्द्र में रखकर उनके द्वारा रचित क्रमश: परशुराम लक्ष्मण संवाद, दशरथ कैकेई संवाद, कैकेई मंथरा संवाद, सीता की खोज, हनुमान रावण संवाद तथा अंगद रावण संवाद आदि की नाट्य प्रस्तुति रंग मंच पर बेहद ही प्रभाव पूर्ण तरीके से की गई। कलाकारों का नाटक कौशल एवं रूप सजा देखते ही बनती थी।

इन कलाकारों ने किया जीवंत मंचन, बटोरी दर्शकों की तालियां 

कलाकारों में सर्वश्री डॉ. अनिल मिश्रा (राम एवं दशरथ), डॉ. जितेंद्र शर्मा (परशुराम), अभिषेक खन्ना (लक्ष्मण), अंकित सक्सेना (रावण), प्राची अग्रवाल (कैकेई), श्रीमती वर्षा (मंथरा), संजीव सक्सेना (हनुमान), अतुल  मिश्रा (जनक), सुधीर सक्सेना (अंगद) आदि  ने सर्वाधिक तालियां बटोरीं । मंचन कार्यक्रम में जयपुर से आए तथा राधेश्याम कथावाचक  पर दर्जनों किताब लिख चुके हरि शंकर शर्मा का विशेष सम्मान किया गया। कार्यक्रम में रामसेवक द्विवेदी, राजेश शर्मा, डॉ. विनोद पागरानी, डॉ. प्रमेन्द्र माहेश्वरी, डॉ विमल भारद्वाज, डॉ. भारती सिंह, देवेंद्र देव, महेश चंद्र शर्मा, रमेश गौतम, रंजीत पांचाले, सुरेन्द्र बीनू सिन्हा, इंद्र देव त्रिवेदी, निर्भय सक्सेना, मधुरिमा सक्सेना, डॉ अतुल वर्मा, मधु वर्मा, विक्रम भार्गव, पूजा भार्गव, डॉ. नितिन सेठी, अंबुज कुकरैती, गिरधर गोपाल, मुकेश सक्सेना, कवि रोहित राकेश, माधवराव सिंधिया के सौरभ अग्रवाल एवं इफको आंवला बरेली के संयुक्त महाप्रबंधक  मनोज अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम के समापन पर संस्था द्वारा इन सभी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया।

इन कलाकारों को मिला विशेष सम्मान

कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों सर्वश्री अतुल मिश्रा को जनक, डॉ. अनिल मिश्रा को राम एवं दशरथ, डॉ जितेंद्र शर्मा को परशुराम अभिषेक खन्ना को लक्ष्मण संजीव सक्सेना को हनुमान अंकित सक्सेना को रावण सुधीर सक्सेना को अंगद, रांची अग्रवाल को कैकेई, श्रीमती वर्षा को मंथरा, सुधीर कश्यप को विश्वामित्र एवं जामवंत की भूमिका के लिए तथा अन्य सहयोगी कलाकारों आलोक कश्यप राकेश कश्यप, प्रियांशु मिश्रा, आरव एवं प्रतीक्षा पांडे को विशेष रूप से पुरस्कार वितरित किए गए। इनके अतिरिक्त रूप सज्जा एवं वेशभूषा के लिए सर्वश्री चिराग सक्सेना दिनेश कश्यप सुधीर कश्यप को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। अंत में कार्यक्रम के निर्देशक एवं संस्था के अध्यक्ष डॉ. अनिल मिश्रा पार्थ एवं महासचिव अतुल मिश्रा द्वारा सभी उपस्थित जनों एवं गणमान्य अतिथियों का विशेष रूप से आभार प्रकट किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नितिन सेठी ने किया।

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