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ग्राम पंचायतों में अनधिकृत तरीके से अधिक दरों पर साइन बोर्ड लगने के मामले में कई झोल सामने आ रहे हैं। इस खेल में भले ही प्रधानों-सचिवों को जिम्मेदार ठहराकर उनसे शासकीय धन की वसूली की जा रही है, लेकिन पूरे मामले की जड़ तत्कालीन प्रभारी डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार हैं। उन्होंने ही अनधिकृत तरीके से बोर्ड लगाने का ठेका डीके एडवरटाइजर्स को दिया था। अब घपला सामने आने पर वह आदेश को फर्जी बता रहे हैं।
प्रभारी डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार की तरफ से 28 जुलाई 2022 को सभी एडीओ पंचायत को जारी पत्र (2178) में उल्लेख है कि ग्राम पंचायतों के मुख्य मार्ग पर डीके एडवरटाइजर्स से सांकेतिक बोर्ड लगवाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इस आदेश के बाद सभी 1193 ग्राम पंचायतों में साइन बोर्ड लगवाने के लिए एडीओ पंचायत पर मौखिक रूप से दबाव भी बनाया गया। भुगतान ग्राम निधि के खाते से करने के लिए कहा गया। प्रत्येक बोर्ड की कीमत 37,300 रुपये तय हुई थी।
जानकारी के मुताबिक, 4.45 करोड़ का काम मिला तो डीके एडवरटाइजर्स के संचालक ने बीडीए कॉलोनी बदायूं रोड मनकरा निवासी हरिराम के साथ उसे साझा कर लिया। हरिराम इंटरप्राइजेज और डीके एडवरटाइजर्स ने मिलकर गांवों में साइन बोर्ड लगवाए। बाद में मनमुटाव होने पर हरिराम इंटरप्राइजेज के संचालक ने खुद को अलग कर लिया। अपने खर्चे पर लगाए बोर्ड का भुगतान प्राप्त करने की कोशिश की तो मामला सार्वजनिक हो गया।
शुरुआती दौर में इन लोगों ने मझगवां, आलमपुर जाफराबाद, क्यारा और भोजीपुरा ब्लॉक की 130 ग्राम पंचायतों में साइन बोर्ड लगाए थे। उसी दौरान सीडीओ से शिकायत हुई तो साइन बोर्ड लगवाने का काम और भुगतान रोक दिया गया था।
फर्म संचालक ने मांगा था 38.79 लाख का बकाया
हरिराम इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर हरिराम ने 13 जनवरी 2025 को बकाया भुगतान पाने के लिए डीएम को संबोधित पत्र सीडीओ को दिया था। इस पर उसने चार ब्लॉकों की 130 ग्राम पंचायतों में साइन बोर्ड लगाने का जिक्र किया है। उसने बताया था कि मझगवां ब्लॉक की 25 व आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक की एक ग्राम पंचायत से भुगतान मिला है। शेष 104 ग्राम पंचायतों से 37,300 रुपये की दर से 38.79 लाख का भुगतान बकाया है। पत्र में उल्लेख किया है कि उसने मझगवां की 78, आलमपुर जाफराबाद की 20, क्यारा की 6 और भोजीपुरा ब्लॉक की 26 ग्राम पंचायतों में साइन बोर्ड लगाए हैं। डीपीआरओ कमल किशोर का कहना है कि मझगवां की जिन ग्राम पंचायतों ने साइन बोर्ड का भुगतान किया है, उनके प्रधानों व सचिवों से वसूली का निर्धारण भी उचित स्तर से नहीं किया गया है। चार सचिवों से उनके हिस्से की धनराशि वसूल हुई है, जबकि प्रधानों से वसूली बकाया है। तत्कालीन प्रभारी डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि 28 जुलाई 2022 को सभी एडीओ पंचायत को जारी आदेश पत्र (2178) फर्जी है। इस पर किसी ने हमारा फर्जी हस्ताक्षर कर दिया है। इस पत्र के बारे में पहले भी जांच हुई थी। हमने ग्राम पंचायतों में कोई साइन बोर्ड लगाने का आदेश नहीं जारी किया था। प्रधानों व सचिवों ने गलत किया, जिसके लिए हमने रिकवरी लगाई थी। प्रधानों ने कमिश्नर के यहां अपील दाखिल की थी, इसलिए उनसे रिकवरी नहीं हो सकी। वर्तमान में मैं मुजफ्फरनगर जिले में एडीपीआरओ हूं।