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ढाई सौ ग्राम का दिमाग अभी तक रहस्य...जानिये किसने कही ये बात

आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का बोलबाला है। इसकी क्षमताओं, विशेषताओं और उपयोगिता पर कोई संदेह नहीं लेकिन यह ईश्वर के बनाए इंसान से बढ़ कर नहीं। अभी तक इंसान ढाई सौ ग्राम के दिमाग को नहीं समझ पाया।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का बोलबाला है। इसकी क्षमताओं, विशेषताओं और उपयोगिता पर कोई संदेह नहीं लेकिन यह ईश्वर के बनाए इंसान से बढ़ कर नहीं। अभी तक इंसान ढाई सौ ग्राम के दिमाग को नहीं समझ पाया। 2.5 गीगाबाइट की क्षमता वाले दिमाग के तमाम रहस्य अभी अनजान हैं। एआई का दौर संभव है दिमाग के रहस्यों को समझने में मदद करे। यह बात एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी ने एआई से न्यूरोएनाटॉमी शिक्षा और इसके चिकित्सकीय परिणाम से मस्तिष्क विज्ञान में क्रांति विषय पर आयोजित सीएमई में कही। सीएमई में देश के नामचीन चिकित्सकों ने स्वास्थ्य शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका को सराहा और इसे महत्वपूर्ण बताया। सीएमई में एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए हिस्टोलाजी मैनुअल पुस्तक का विमोचन किया गया।

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देश के नामचीन चिकित्सकों ने विभिन्न व्याख्यान दिए

एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में शनिवार (12 जुलाई 2025) को एनाटॉमी विभाग की ओर से एआई से न्यूरोएनाटॉमी शिक्षा और इसके चिकित्सकीय परिणाम से मस्तिष्क विज्ञान में क्रांति विषय पर सीएमई का आयोजन हुआ। इसमें इसमें देश के नामचीन चिकित्सकों ने स्वास्थ्य शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की भूमिका पर विभिन्न व्याख्यान दिए। सरस्वती वंदना और संस्थान गीत के साथ चेयरमैन देव मूर्ति जी, डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन आदित्य मूर्ति जी, एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डा.एमएस बुटोला, सीएमई की ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन व एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डा.नमिता मेहरोत्रा, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा.शंभू प्रसाद, विशिष्ट अतिथि डा.नवनीत चौहान ने दीप प्रज्वलित कर सीएमई का उद्घाटन किया। 

डा.नवनीत ने सीएमई को सराहा और इसे एमबीबीएस विद्यार्थियों के साथ ही एसआर और फैकल्टी के लिए भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध उच्च कोटि की सुविधाओं और इससे मरीजों को होने वाले लाभ को भी सराहा। कहा कि आज स्वास्थ्य शिक्षा और मरीजों के उपचार में एसआरएमएस का नाम देश से बाहर भी बेहद सम्मान से लिया जाता है। इसके लिए यहां का प्रबंधन और कुशल चिकित्सक बधाई के पात्र हैं। इससे पहले कॉलेज के प्रिंसिपल एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डा.एमएस बुटोला ने अतिथियों को संस्थान की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने इंडिया टुडे की हालिया रैंकिंग में एसआरएमएस को मिले 37 वीं रैंक और आउटलुक की ओर से हॉस्पिटल को मिले 13वें रैंक का जिक्र किया। सीएमई की ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन व एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डा.नमिता मेहरोत्रा ने सभी का स्वागत किया और सीएमई के बारे में जानकारी दी। सीएमई में एम्स ऋषिकेश की प्रोफेसर (डा.) रश्मि मल्होत्रा ने डिजिटल युग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता से शिक्षण, सीखने और अनुसंधान में सुधार पर व्याख्यान दिया।

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विम्हंस हास्पिटल नई दिल्ली के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा.महीप सिंह गौर ने स्टीरियोटैक्टिक, रेडियोसर्जरी, बेसिक और एआई एप्लिकेशन विषय पर अपनी बात रखी। आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर (डा.) संजीव कुमार ने ब्रेन इमेजिंग के लिए एआई जेनेरेटिव मॉडल और गहन शिक्षण पर अपना लेक्चर दिया। एम्स नई दिल्ली के एनाटॉमी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डा.) ए शरीफ और डा.अशोक सहाय (ऑस्ट्रेलिया) सीएमई में वर्चुअल रूप से शामिल हुए और ऑनलाइन व्याख्यान दिया। एम्स देवघर के एसोसिएट प्रोफेसर (डा.) अर्पण हालदार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिए शैक्षणिक अनुसंधान और शैक्षिक अनुसंधान में परिवर्तनकारी तालमेल, तंत्रिका संबंधी निदान और प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर सभी ने एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए हिस्टोलाजी मैनुअल पुस्तक का विमोचन किया। उद्घाटन सत्र में इंजीनियर सुभाष मेहरा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा.आरपी सिंह, डा.शरद जौहरी, डीएसडब्ल्यू डा.क्रांति कुमार, सीएमई के कोआर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा.धनंजय कुमार, डा.समता तिवारी सभी विभागाध्यक्ष, एसआर, जेआर, एमबीबीएस विद्यार्थी मौजूद रहे। उद्घाटन सत्र का संचालन एनाटॉमी विभाग की डा.कंचन बिष्ट ने किया।

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