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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
मक्का लदे वाहनों की मनमानी एक बार फिर कादरचौक रोड पर जाम की वजह बन गई। सड़क किनारे खड़े मक्का लदे वाहनों में ट्रक और ट्रैक्टर- ट्रॉलियों को रैक प्वाइंट पर जाने के लिए बीच लाइन से आगे निकलने की कोशिश की तो यात्री वाहनों के साथ बाइक सवार राहगीर भी फंस गए। करीब दो घंटे तक जाम के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारू कराने के लिए पुलिस कर्मी भी नहीं पहुंचे।
रेलवे के अढौली फाटक से कादरचौक रोड पर गांव फतेहपुर मोड़ तक शुक्रवार दोपहर तक जाम में फंसे वाहनों में कार और ई- रिक्शों के अलावा बाइक सवारों की संख्या सबसे ज्यादा दिखी। कार सवार लोगों में संभल जिले के गुन्नौर क्षेत्र के निवासी चंद्रपाल ने बताया कि जाम के दौरान फतेहपुर से रेलवे फाटक तक करीब ढाई किलोमीटर की दरी तय करने में उन्हें एक घंटा लगा। कादरचौक रोड से जुड़े समीपवर्ती गांव नरऊ, फतेहपुर और बुर्राफरीदपुर के बाइक सवार ग्रामीणों को भी जरूरी सामान की खरीदारी के लिए आना जाम की वजह से महंगा पड़ गया।
दरसअसल, रैक प्वाइंट तक मक्का लदे वाहनों की कादरचौक रोड पर बेतरतीब ढंग से खड़े कर लिया जाता है। धर्मकांटे पर तौल कराके रैक प्वाइंट तक पहुंचने को चालकों के बीच आगे निकलने की होड़ यातायात व्यवस्था को रोजाना बिगाड़ रही है। जाम बृहस्पतिवार को भी लगा था, लेकिन शुक्रवार दोपहर तक राहगीरों को ज्यादा दिक्कतों को सामाना करना पड़ा। जाम की शुरूआत सुबह में करीब आठ बजे से हो गई थी। जाम के दौरान फंसे वाहन दो- तीन बार कछुआ चाल निकलते भी दिखे, वाहनों के पहिये फिर थम जाने से परेशानी बनी रही।
- कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के रास्ते भदरौल रोड का जोड़ने वाले मिनी बाइपास के कादरचौक रोड मोड़ के पास मक्का लदी ट्रैक्टर- ट्रॉलियों को शुक्रवार सुबह सात बजे ही खड़ी कर दिया गया। ट्रैक्टर- ट्रॉलियों के पास उनके चालक भी नजर नहीं आए। जाम में फंसे यात्री वाहन सवार लोगों ने जब ट्रैक्टर- ट्रॉलियों को हटवाने के लिए उनके पास पहुंचे तो आवाज लगाने के बाद भी चालक नहीं आए।