/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/22/whatsapp-image-2025-09-22-04-20-46.jpeg)
एसआरएमएस रिद्धिमा में नाटक मंचन करते कलाकार
वाईबीएन संवाददाता बरेली।
एक प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है, जिंदगी और कुछ भी नहीं, तेरी-मेरी कहानी है। प्रख्यात गीतकार पंडित संतोषानंद के लिखित इस फिल्मी गीत को जब कलाकारों ने रिद्धिमा में प्रस्तुत किया तो पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार देर रात वाद्ययंत्रों की संगीतमय प्रस्तुति में किरवानी के रंग बिखेरे गए। इसमें इंस्ट्रूमेंटल गुरु और उनके शिष्यों ने राग किरवानी पर आधारित फिल्मी धुनों को अपने वाद्ययंत्रों पर सजाया। कार्यक्रम का आरंभ इंस्ट्रूमेंट गुरु सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), ओम साही (सारंगी), विशेष सिंह (गिटार), आरुष मिश्रा (तबला), ऋषभ आशीष पाठक (पखावज), सुरेंद्र मैसी (कांगो), अनुग्रह सिंह (ड्रम), रॉनी फिलिप्स (सेक्सोफोन), अभिनव मैसी (की-बोर्ड) और इंस्ट्रूमेंट के विद्यार्थी डा.नम्रता अग्रवाल, विवान अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, करुण्य अरोरा, इवान गाबा, आयांश अग्रवाल, शितिज अग्रवाल, दिव्यांश, मन्तिका अरोरा, अनुज सक्सेना ने गीतकार संतोष आनंद लिखित और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीतबद्ध फिल्म शोर के लोकप्रिय गीत एक प्यार का नगमा को श्रोताओं के सामने प्रस्तुत किया। इसके बाद सभी ने मोजार्ट की सिंफनी को राग किरवानी में संगीत के कद्रदानों के बीच रखा। रिवर फ्लोज इन यू, कम सितंबर, कंट्री रोड्स जैसी पाश्चात्य संगीत की प्रसिद्ध धुनों को इंस्ट्रूमेंटल गुरुओं ने मंच पर प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाहवाही हासिल की। अंत में गुरुओं ने राग किरवानी के शास्त्रीय धुनों पर आधारित गीतों के फ्यूजन को अपने वाद्ययंत्रों पर सजाया। गायन गुरु सात्विक मिश्रा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। संचालन दीपाली सक्सेना ने किया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, आदित्य मूर्ति, ऋचा मूर्ति, उषा गुप्ता, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार, डा.शैलेश सक्सेना, आशीष कुमार, डा. रीता शर्मा और शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे।
/filters:format(webp)/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/22/whatsapp-image-2025-09-22-04-31-18.jpeg)