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खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) मिलावटखोरों के खिलाफ छापामार अभियान चलाता है। बावजूद इसके कुछ कारोबारी मिलावट करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाओं के कारोबार को ‘सामाजिक अपराध’करार दिया है। बरेली में नकली दवा बेचने और मिलावटखोरी करने वालों के फोटो चौराहों पर लगाए जाएंगे। इसके लिए बरेली जिले में मिलावटखोरों को चिह्नित कर सूची तैयार की जाएगी।
बरेली जिले में वर्ष 2024 में एफएसडीए ने छापामार कार्रवाई के दौरान 1382 नमूने लेकर जांच को भेजे थे। इनमें 1079 नमूनों की जांच होने के बाद रिपोर्ट एफएसडीए को प्राप्त हो गई, जबकि 303 नमूनों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। जांच रिपोर्ट के अनुसार 598 खाद्य पदार्थ मानक के अनुरूप पाए गए, जबकि 481 खाद्य पदार्थ अधोमानक मिले या खाने लायक नहीं थे। जहरीले खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई।
खास बात यह है कि जुर्माना भुगतने या कानूनी कार्रवाई होने के बावजूद मिलावटखोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। दूसरे नमूनों की जांच रिपोर्ट आने तक मिलावटी सामान बाजार में खपा दिया जाता है। तीसरी बात यह है कि मिलावट कौन करता है इसकी जानकारी आम लोगों को नहीं हो पाती, जिससे मिलावटखोर अपने मकसद में कामयाब हो जाती हैं। चौराहों पर फोटो लगने से आम लोगों को मिलावटखोरों के बारे में जानकारी होगी, जिससे उनका सामाजिक बहिष्कार हो सकता है।
यूपी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’नीति के तहत के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाओं के कारोबार को ‘सामाजिक अपराध’करार देते हुए जन स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर विषय बताया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मिलावटखोरों, नकली दवाओं के कारोबारी नेटवर्क और इसमें संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कहा कि ऐसे लोगों को सार्वजनिक रूप से चिह्नित कर उनकी तस्वीरें प्रमुख चौराहों पर लगाई जाएं, ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और समाज में उनके प्रति नकारात्मक संदेश जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आमजन का स्वास्थ्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इस जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ होना चाहिए।
योगी सरकार ने प्रदेश में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं के नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। पूर्व में कार्यरत छह प्रमुख मंडलों के अलावा अब बरेली, अलीगढ़, अयोध्या, आजमगढ़, बस्ती, चित्रकूट, कानपुर, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर और देवीपाटन मंडलों में भी नई प्रयोगशालाएं और कार्यालय स्थापित किए गए हैं। लखनऊ, गोरखपुर और झांसी में प्रयोगशाला भवनों का उच्चीकरण किया गया है। लखनऊ, मेरठ और वाराणसी में तीन आधुनिक माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं, जिनमें सूक्ष्मजीव, प्रोटोजोआ, विषाणु, जीवाणु, माइक्रो टॉक्सिन्स तथा अन्य रोगकारक जीवों की जांच संभव हो पाई है। लखनऊ और मेरठ में परीक्षण भी प्रारंभ हो चुके हैं।
आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’नामक मोबाइल ऐप और टोल फ्री नंबर 1800-180-5533 जारी किया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि किसी भी शिकायत का निस्तारण तभी माना जाएगा जब शिकायतकर्ता संतुष्ट हो। किसी शिकायत का फर्जी तरीके से निस्तारण करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बरेली के सहायक आयुक्त खाद्य अपूर्व श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में छापामार अभियान चलाकर नमूने जांच को भेजे जाते हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है। शासन के आदेश का पूरी तरह पालन किया जाएगा। आदेश आने पर मिलावटखोरों को चिह्नित कर सूची तैयार की जाएगी।