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बरेली। भाजपा के मीरगंज क्षेत्र से विधायक डॉक्टर डीसी वर्मा अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विरोध में होने वाली रैली में शामिल होने के बाद नारेबाजी करने में फंस गए हैं। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर दो दिन से वायरल हो रहा है। भाजपा के विधायक द्वारा अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने वाले इस मुद्दे को विधायक उनके विरोधियों ने तेजी से लपक लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। बाद में भाजपा विधायक का यही वीडियो शीर्ष नेतृत्व को भेज दिया गया। वहीं भाजपा विधायक डॉ डीसी वर्मा ने वीडियो में खुद के शामिल होने की बात स्वीकार की और कहा कि ये वीडियो उनके विधानसभा क्षेत्र मीरगंज के हूरहुरी चौराहे का है। वहां कुछ लोग जुलूस निकालकर सीएम धामी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। वह किसी प्रोग्राम में जा रहे थे। भीड़ ने उनको रोक लिया। इसलिए वह भी उस भीड़ में शामिल हो गए। मगर, बाद में उन्होंने सीएम धामी के खिलाफ नारेबाजी करने वाली भीड़ को समझा दिया और सब शांत होकर घर लौट गए। किसी ने उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ लगे नारे
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है। उसमें भीम आर्मी के कार्यकर्ता उत्तराखंड में एससी समुदाय के खिलाफ होने वाली कार्रवाई के विरोध में वहां के सीएम पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। सीएम पुष्कर सिंह धामी मुर्दाबाद के नारे भी लग रहे थे7 भीड़ उसी मामले में विरोध करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मुर्दाबाद के नारे लगा रही है। उसी भीड़ में भाजपा विधायक डॉ डीसी वर्मा भी हाथ उठाते हुए दिख रहे हैं। मतलब, वीडियो देखने से ऐसा लगता है कि भाजपा विधायक डॉ डीसी वर्मा खुद अपनी ही पार्टी के सीएम के खिलाफ होने वाली नारेबाजी जुलूस का नेतृत्व कर रहे हैं। कुल मिलाकर भाजपा विधायक डॉ डीसी वर्मा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है और हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग अब तक यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर, मीरगंज के भाजपा विधायक डॉ डीसी वर्मा अपनी ही पार्टी के उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के मुर्दाबाद के नारे क्यों लगवा रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो के बारे में भाजपा विधायक डॉक्टर डीसी वर्मा का कहना है कि उनके विधानसभा क्षेत्र की भीड़ इस तरह की नारेबाजी कर रही थी। वह क्षेत्र में कहीं जा रहे थे। भीड़ ने उनको रास्ते में रोक लिया। इसलिए, वीडियो में यह सब दिख रहा है। उन्होंने सबको समझा बुझाकर शांत कर दिया तो सब मान गए। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर काटकर डाला गया है। असली बात यह है कि वह भीड़ को समझाने बुझाने के लिए वहां पर उतरे थे।