बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली में साइबर ठगी शुक्रवार को एक नया मामला सामने आया। जालसाज फोन-पे की तरह दिखने वाले नकली एप से दुकानदार को फर्जी पेमेंट दिखाकर मुफ्त में सामान ले जाते थे। एक मेडिकल स्टोर संचालक की शिकायत पर पुलिस ने दो जालसाजों को पकड़ा तो ठगी का पूरा मामला खुल गया। शुक्रवार को फतेहगंज पूर्वी पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि उनका तीसरा साथी अभी फरार है।
पकड़े गए आरोपियों में समर्थ सिंह उर्फ क्रिस तोमर और चाणक्य नईर उर्फ आदि गुप्ता हैं। इन दोनों की उम्र 19 साल है। दोनों फरीदपुर कस्बे के मोहल्ला महादेव के रहने वाले हैं। इनका तीसरा साथी युवराज सिंह चौहान अभी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।
आरोपियों बनाया नकली फोन-पे एप, सामान लेकर दिखाते थे फर्जी भुगतान
एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने बताया कि आरोपियों ने फोन पे जैसा हूबहू दिखने वाला नकली एप बना लिया। आरोपी युवक दुकानदारों से सामान खरीदते समय क्यूआर कोड स्कैन करते हैं और नकली एप से फर्जी पेमेंट मोबाइल की स्क्रीन पर दिखा देते हैं। दुकानदार को लगता है कि भुगतान हो गया, जबकि असल में कोई ट्रांजेक्शन होता ही नहीं था। पुलिस आरोपियों के मोबाइल और अन्य डिजिटल सबूतों की जांच कर रही है। तीसरे आरोपी युवराज की तलाश में दबिश दी जा रही है।
मेडिकल संचालक की शिकायत पर की गई कार्रवाई
17 अप्रैल को फतेहगंज पूर्वी में संयम प्रियदर्शी के मेडिकल स्टोर से आरोपियों ने 1160 रुपये की दवाइयां खरीदीं। उन्होंने नकली एप से फर्जी ट्रांजेक्शन दिखाया और दुकान से चलते बने। शक होने पर दुकानदार ने थाने में शिकायत दी, जिसके बाद पुलिस ने तफ्तीश शुरू की और दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उन्होंने कई दुकानों से इसी तरह की ठगी करना कबूल किया है। तब नकली एप और फर्जी पेमेंट का खुलासा हुआ।
सैकड़ों दुकानदारों को लगा चुके हैं चूना
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि अब तक वे सैकड़ों दुकानदारों को चूना लगा चुके हैं। गिरफ्तार करने वाली टीम में फरीदपुर इंस्पेक्टर संतोष कुमार, एसआई भूपेंद्र सिंह, हेमंत कुमार कांस्टेबल दीपक कुमार व रिंकपाल शामिल रहे।