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बरेली, वाईबीएन संवाददाता। कृषि विभाग में बीते दिनों ट्रांसफर पोस्टिंग की सीजन में लखनऊ कृषि निदेशालय में बड़े खेल हुए। यूपी के ज्यादातर जिलों में कृषि विभाग में जिला कृषि अधिकारी, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, अवर अभियंता और बीस साल से मोटी कमाई वाले पटलों पर जमे घपलेबाज बाबुओं ने ऐसा गैंग तैयार किया कि इनको कोई टस से मस नहीं कर सकता था। हालत ये थी कि ट्रांसफर होने के एक साल बाद भी यूपी के कृषि और भूमि संरक्षण विभाग में अफसर और बाबू रिलीव नहीं हो रहे थे। पूर्व भाजपा विधायक राजेश कुमार मिश्रा पप्पू भरतौल ने बरेली कृषि विभाग में व्याप्त बाबुओं की घपलेबाजी के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव कृषि उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखा। उस पत्र से कृषि निदेशालय में हड़कंप मचा। तब जाकर कृषि विभाग के कुछ भ्रष्ट बाबू और अफसरो को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी।
कृषि विभाग में केंद्र और राज्य सरकार की किसान कल्याण योजनाओं में करोड़ों रुपए के बारे न्यारे हुए हैं। इसमें संबंधित बाबू और उनसे जुड़े अफसरों की भी प्रमुख भूमिका है। खास बात यह है कि मलाईदार पटल से मोटी कमाई करने वाले बाबू और अफसर किसी भी हाल में अपनी कुर्सी छोड़ने नहीं चाहते। इसके लिए उन्हें चाहे जो कुछ भी करना पड़े। कृषि विभाग में 15 जून तक चलने वाले ट्रांसफर सीजन से पहले बरेली से पूर्व भाजपा विधायक राजेश कुमार मिश्रा पप्पू भरतौल ने प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र कुमार को ग्रामीणों की शिकायत पर पत्र लिखा था। उसमें कृषि विभाग में बरसों से जमे घपलेबाज बाबुओं और अफसरों का ट्रांसफर बरेली मंडल से बाहर करने की बात कही गई थी। सूत्रों के अनुसार 15 और 16 जून की दरमियानी रात में कृषि और भूमि संरक्षण विभाग के बाबू और अफसर अपनी मनचाही पोस्टिंग पाने के लिए मोटा लिफाफा लेकर कृषि निदेशालय पहुंच गए। किसी बाबू ने अपनी रिलीविंग रुकवाने तो किसी ने मेरठ या अन्य स्थानों पर मनचाही पोस्टिंग के लिए मोटा लिफाफा दे दिया। इसका रिजल्ट यह निकला कि तमाम बाबुओं के नाम ट्रांसफर सूची से काट दिए गए। मगर, प्रमुख सचिव कृषि को जब यह बात चली तो उन्होंने पूर्व विधायक राजेश कुमार मिश्रा पप्पू भरतौल के पत्र का हवाला देकर ये नाम फिर से ट्रांसफर सूची में शामिल कारण तब जाकर बाबुओं और अफसर के ट्रांसफर हो सके। इसके चलते कृषि निदेशालय के तमाम कर्मचारियों की ऊपरी कमाई भी मारी गई। प्रमुख सचिव कृषि ने वर्तमान विधायक के पत्र का हमारा देकर पूरे प्रदेश में यही नियम लागू कराया कि जिनके ट्रांसफर पहले हो चुके हैं। उनको तत्काल रिलीव किया जाए।
भूमि संरक्षण विभाग के कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह का बांदा ट्रांसफर हो चुका है। मगर, वह नई जगह पर जाना नहीं चाहते हैं अभी तक उनको कृषि विभाग से रिलीव नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह के पास उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी का मूल पद है। बाकी चार्ज अतिरिक्त हैं। इनको रिलीव करने की जिम्मेदारी डिप्टी डायरेक्टर कृषि या जॉइंट डायरेक्टर कृषि की है। मगर,भाजपा के एक एमएलसी ने bsa के खराब स्वास्थ्य और पत्नी की उत्तराखंड में नौकरी का हवाला देकर अधिकारियों को पत्र लिख दिया है कि इनको बांदा न भेजा जाए। इस पत्र के बलबूते संजय सिंह कोर्ट जाने की तैयारी में है। इसके लिए वह पिछले दो-तीन दिन से जोड़ तोड़ में जुटे हुए हैं।
भाजपा के पूर्व विधायक राजेश कुमार मिश्रा पप्पू भरतौल पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में उनके आवास पर मिले थे। सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में भी वर्तमान विधायक ने बरेली में कृषि, भूमि संरक्षण, शिक्षा, राजस्व , और विकास भवन के कुछ भ्रष्ट अफसर और बाबुओं की सूची भी मुख्यमंत्री को सौंपी है। इस सूची के आधार पर आने वाले दिनों में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरने की संभावना है।