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बरेली, वाईबीए संवाददाता
अपर सत्र न्यायाधीश/स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट कोर्ट संख्या-1 देवाशीष ने महिला की जिंदा जलाकर हत्या के मामले में एक दोषी को उम्र कैद और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुंनाई है। पांच आरोपियों को साक्ष्यों और गवाहों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। जुर्माना की रकम अदा न करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास में रहना होगा।
मूल रूप से बदायूं के सहसवान के एक गांव निवासी व्यक्ति ने किला थाने में 29 सितंबर 2013 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि मूल रूप से बदायूं के थाना कादरचौक के गांव रमजानपुर निवासी शादाब तीन सितंबर 2013 को उसकी 17 साल की बहन को बहला-फुसला कर अगवा कर ले गया। बहन की तलाश के दौरान उसे पता लगा कि सादाब बरेली के किला थाना क्षेत्र के स्वाले नगर में किसी के मकान के किराये पर रहता था। 24 सितंबर को उसे सूचना मिली कि शादाब ने उसकी बहन को जलाकर मार दिया है। उसकी बहन को पहले जिला अस्पताल और फिर दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उसकी बहन की मौत हो गई।
मामले में शादाब उसके भाई शबाव, शहवाज, मां जेहरा खातून के अलावा गुलनाज और शविनाज को नामजद किया गया था। विवेचना के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी। अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाह और आठ साक्ष्य पेश किए गए। शादाब की मकान मालकिन ने बताया दिया कि उनसे घटना देखी है, लेकिन मौके पर शादाब के अलावा अन्य कोई नहीं था। कोर्ट ने शादाब को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई। बाकी आरोपियों को साक्ष्यों व गवाहों के अभाव में बरी कर दिया।