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बरेली में पहचान छुपाकर रहने वाली तीन बंगलादेशी महिलाएं
बरेली, वाईबीएन संवाददाता।पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने बरेली में फर्जी पहचानपत्र और पासपोर्ट के सहारे 14 साल से रहने वाली तीन बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार कर बड़े जासूसी गिरोह का खुलासा किया है। तीनों पकड़ी गई महिलाओं की पहचान मुनारा बी, सायरा बानो और तस्लीमा के रूप में हुई है। तीनों पिछले 14 वर्षों से भारतीय पहचान पत्रों के जरिए बरेली में रह रही थीं। तीनों महिलाएं विदेश यात्राएं भी कर चुकी थीं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को इन पर जासूसी का शक है। पुलिस ने फिलहाल तीनों को जेल भेज दिया है।
मुनारा बी के पास दो पासपोर्ट निकले
प्रेमनगर थाने में इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके मुताबिक, मुनारा बी मूल रूप से बांग्लादेश के जिला जेस्सोर, खुलना की रहने वाली है। यह 1970 में अपनी मां के साथ भारत आई थी। उस वक्त उसकी उम्र 8–9 साल थी। मुनारा ने बरेली में ही शादी की। उसने निकाह के बाद साल 1996 में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया। हालांकि तब उसका पासपोर्ट नहीं बन पाया।
मगर, बाद में उसने जाली दस्तावेजों से 2011 में पहली बार भारतीय पासपोर्ट बनवा लिया। इस पासपोर्ट पर मुनारा की जन्मतिथि 1959 दर्ज कराई गई। उम्र ज्यादा होने के कारण उसे उस समय उसे विदेश जाने में परेशानी हुई। इसके बाद मुनारा ने अपनी बहन सायरा के नाम पर दूसरा पासपोर्ट 2012 में बनवाया। उसमें फोटो और बायोमेट्रिक मुनारा की ही थी।
9 बार की विदेश यात्रा, कुवैत से पासपोर्ट रिन्यू कराया
फर्जी पासपोर्ट की मदद से मुनारा बी ने अब तक 9 बार विदेश यात्राएं कीं। इनमें से 4 बार (2014, 2016, 2018 और 2019) वह बांग्लादेश गई, जबकि बाकी 5 बार दुबई समेत खाड़ी देशों में यात्रा की। साल 2021 में जब वह कुवैत में थी, तो वहां भारतीय दूतावास से उसने अपना पासपोर्ट भी रिन्यू करा लिया। पुलिस की पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसका दूसरा पासपोर्ट बना था। लेकिन बाद में उसे जला दिया।
फर्जीबाड़े में बहनों का भी हाथ, शौहर भारतीय
पुलिस जांच में सामने आया कि इस पूरे खेल में मुनारा की बहनें सायरा बानो और तस्लीमा भी शामिल थीं। तीनों के शौहर भारतीय हैं, जिसके चलते लंबे समय तक इनकी पहचान छिपी रही। अब तीनों को जेल भेजा गया एसपी सिटी मानुष पारीक के अनुसार तीनों बंगलादेशी महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
बानखाना चौकी प्रभारी वीरेश भारद्वाज ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है, जो न सिर्फ फर्जी पहचानपत्र बनवाता है बल्कि उनको विदेश भी भेजता है। हालांकि पुलिस पूछताछ में मुनारा ने खुलासा किया कि 1970 में उसकी मां उसे भारत लाई थी। उस समय उन्हें बेचा गया था।
इसके बाद से वह यहीं रहने लगी। बाद में उसने फर्जी दस्तावेज बनवाकर भारतीय पहचान हासिल कर ली। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां मुनारा और उसकी बहनों के संपर्क और किन स्थानीय लोगों ने मदद की, इसकी जांच कर रही हैं। : bareilly crime | Bareilly Crime News | Crime