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आबादी के निकट बाघ ने जमाया डेरा, घरों में कैद ग्रामीण

न्यूरिया क्षेत्र के रानी कॉलोनी में आबादी के निकट बाघ की चहलकदमी देख ग्रामीणों में दहशत फैल गई। बाघ के गन्ने के खेत में ही डेरा जमाए रहने की संभावना जताई जा रही है।

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Sudhakar Shukla
 तेंदुआ

बाघ व तेंदुआ को लेकर दहशत Photograph: (वाईबीएन)

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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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न्यूरिया क्षेत्र की रानी कॉलोनी में आबादी के निकट बाघ की चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। बाघ के गन्ने के खेत में ही डेरा जमाने की संभावना जताई जा रही है। सूचना के बाद पहुंची वन विभाग की टीम ने पगचिह्न ट्रेस कर निगरानी शुरू कर दी है। 

मझोला क्षेत्र में पिछले कई दिनों से बाघ की दहशत बनी हुई है। कुछ ग्रामीण बाघिन होने का भी दावा कर रहे हैं। पांच किलोमीटर दायरे में चहलकदमी कर रहा बाघ ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। रानी कॉलोनी निवासी ध्रुव कुमार ने बताया बुधवार रात बाघ उनके घर से 50 मीटर दूर स्थित दिलीप कुमार के गन्ने के खेत में पहुंच गया। 

जानकारी होने पर ग्रामीणों में दहशत फैल गई। बृहस्पतिवार सुबह गन्ने के आसपास धान के खेत में बाघ के पैरों के निशान बने मिले। ग्रामीणों ने बाघ के गन्ने के खेत में ही डेरा जमाए होने की संभावना जताई है। 

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ग्रामीणों का कहना है कि बाघ के आबादी के पास चहलकदमी करने से लोग घरों में ही रहने के लिए मजबूर हैं। कुछ दिन पूर्व बाघ ने गांव के निकट बछड़े को मार दिया था। बाघ की बढ़ती सक्रियता को देख ग्रामीणों ने उसे पकड़ने की मांग तेज कर दी है। बाघ की मौजूदगी की सूचना वन विभाग को दी गई है। 

सूचना पर पहुंची वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने निगरानी शुरू कर दी है। ग्रामीणों को खेतों की ओर अकेला न जाने की सलाह दी गई है। डीएफओ भरत कुमार डीके ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए अनुमति मांगी गई है। टीम को लगातार निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।

पानी पीकर खेतों की ओर लौटा बाघ

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घुंघचाई। थाना क्षेत्र के गांव चिरागा में बृहस्पतिवार सुबह फिर बाघ की चहलकदमी देखी गई। वन विभाग की टीम निगरानी में जुटी है। बताया जा रहा है कि बाघ पानी पीकर खेतों की ओर चला गया है। घुंघचाई थाना क्षेत्र का गांव चिरागा मंडनपुर जंगल से सटा हुआ है। यह खुटार रेंज में आता है। गांव में करीब सात परिवार रहते है। गांव के समीप करीब दो माह से बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है। चार दिन पहले दर्शन सिंह की दो बकरियों को बाघ ने मार डाला था। बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगाया गया। 

गांव के हरजिंदर सिंह, जितेंद्र सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह बाघ उसी जगह पर पहुंचा, जहां उसने बकरियों को निवाला बनाया था। काफी देर तक बाघ उसी जगह बैठा रहा। कुछ देर बाद बाघ एक किसान के घर के करीब पहुंचा। घर के समीप भरे पानी को पीकर खेतों की ओर चला गया। बाघ के पदचिह्न देखे गए। बाघ की दहशत के चलते मजदूर और किसान खेतों पर नहीं जा पा रहे हैं। संवाद

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