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जान लेवा हमला करने वाले दो लोगों को दस साल कैद, जानिए क्यों

भैंस के बच्चे को लेकर हुए विवाद में जान लेवा हमला करने वाले दो लोगों को अदालत ने दस-दस साल कैद की सजा सुनाई। सजा का यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश अभय श्रीवास्तव ने किया।

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Sudhakar Shukla
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कोर्ट की डीएम को चेतावनी Photograph: (YBN)

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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। भैंस के बच्चे को लेकर हुए विवाद में जान लेवा हमला करने वाले दो लोगों को अदालत ने दस-दस साल कैद की सजा सुनाई। सजा का यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश अभय श्रीवास्तव ने किया।

भैंस के बच्चे को लेकर विवाद, फायरिंग में बाल-बाल बचे ग्रामीण

इस मामले की रिपोर्ट थाना कैट के गांव क्यारा के रहने वाले विजेंद्र ने लिखाई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि उसका भाई छविराम और गांव का नेमपाल तालाब से मछली पकड़ने जा रहे थे। उसके साथ जयपाल भी था। रास्ते में उसे वीरपाल, राम सिंह, भूरा व भीम मिले। इन लोगो ने कहा कि तुमने उसका भैंस बच्चा जबरदस्ती अपने पास रोक रखा है। जब वादी के भाई ने इस बात से इंकार किया तो यह सभी लोग उसके साथ मारपीट व गाली गलौच करने लगे। इन लोगों ने गोली चला दी जिससे वह लोग बाल बाल बच गए। 

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कोर्ट का फैसला: दो आरोपियों को दस-दस साल की कैद

यह गोलियां नेमपाल व छविराम के जांघ पर लगी। पुलिस ने मामले की छानबीन की और चारों लोगो के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की। दौरान मुकदमा राम सिंह व वीरपाल की मौत हो गई। इसलिए मुकदमा सिर्फ भूरा उर्फ डोरी व भीमा उर्फ भीमसेन के खिलाफ चला कोर्ट मे जब मुकदमा चला तो सरकारी वकील हेमेंद्र गंगवार ने अपने पक्ष को साबित करने के लिए कोर्ट में आठ गवाह पेश किए। कोर्ट ने तमाम सुबूतों पर गौर करने के बाद अभियुक्त भूरा व भीमा को दोषी ठहराते हुए दोनो को दस-दस साल कैद की सजा सुनाई।

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