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बरेली।लखनऊ, वाईबीएनसंवाददाता। यूपी में शासन के स्तर से बड़ी खबर सामने आ रही है। अभी हाल ही में यूपी के मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने वाले एसपी गोयल अचानक अवकाश पर चले गए। वह कितने दिन तक अवकाश पर रहेंगे। कब अवकाश से लौटेंगे। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है। इससे ब्यूरोक्रेसी में तमाम तरह की अटकलें लगने लगी हैं। इसमें खास बात यह है कि मुख्य सचिव ने न तो अपने अचानक अवकाश की वजह बताई है, न ही यह स्पष्ट किया है कि वह कितने दिनों तक अवकाश पर रहेंगे। कब अवकाश से वापस लौटेंगे। एसपी गोयल की अनुपस्थिति में कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) दीपक कुमार को उत्तर प्रदेश का कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाया गया है।
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कहीं सरकार और ब्यूरोक्रेसी में टकराव तो नहीं
सूत्रों के अनुसार आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के तबादले को लेकर सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच मतभेद चल रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे भी बड़े पैमाने पर होने वाले तबादलों को लेकर खींचतान को जिम्मेदार बताया जा रहा है। एक बड़े अधिकारी की मानें तो मुख्य सचिव बनने के बाद एसपी गोयल ने काुछ विभागों के प्रमुख सचिव और आईएएस स्तर के कुछ अफसरों की एक तबादला सूची तैयार की थी। इस सूची में कई अहम और प्रभावशाली अधिकारियों के विभाग बदलने की बात लीक हो गई। इसे लेकर आईएएस लॉबी के बीच मुख्य सचिव को लेकर भारी असहमति व्यक्त की गई। माना जाता है कि इसी वजह से शासन के स्तर पर टकराव की स्थिति बनी और मुख्य सचिव ने अचानक छुट्टी पर जाने का फैसला किया।
पूर्व मुख्य सचिव को केंद्र से नहीं मिल पाया था एक्सटेंशन
शासन के सूत्रों का कहना है कि सरकार ने पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को छह महीने का एक्सटेंशन देने की संस्तुति केंद्र सरकार से की थी। मगर, केंद्र सरकार के स्तर पर पूर्व मुख्य सचिव को एक्सटेंशन नहीं मिल पाया था। उसके बाद एसपी गोयल को यूपी का नया मुख्य सचिव बनाने का निर्णय लिया गया। सूत्र बताते हैं कि मुख्य सचिव बनने के बाद एसपी गोयल ने आईएएस और पीसीएस अफसरों के तबादलों में मनमानी शुरू कर दी। इसको लेकर शासन में कार्यरत आईएएस की मजबूत लॉबी विरोध में उतर आई। यह मामला सीएम तक पहुंच गया। उसके बाद मुख्य सचिव ने अचानक अवकाश पर जाने का निर्णय ले लिया। कुल मिलाकर सरकार नए मुख्य सचिव की कार्यशैली से बहुत ज्यादा खुश नहीं है।
नई बात नहीं है ब्यूरोक्रेसी में खींचतान
यूपी में सरकार चाहे भाजपा की हो या फिर अन्य किसी राजनीतिक दल की। शासन के स्तर पर ब्यूरोक्रेसी में तबादलों और बड़े विभाग हथियाने को लेकर आईएएस और पीसीएस लॉबी के बीच खींचतान कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार यह मामला बड़े स्तर तक पहुंच गया है। शासन की विश्वसनीयता और प्रशासनिक संतुलन में मुख्य सचिव की भूमिका अहम होती है। उस समय मुख्य सचिव एसपी गोयल का अचानक अवकाश पर जाना तमाम सवाल खड़े कर गया है। विपक्षी दल आने वाले दिनों में इसे मुद्दा बना सकते हैं।
क्या सरकार और नौकरशाही में सब कुछ ठीक नहीं
क्या सरकार और नौकरशाही के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। विभिन्न तरह के कामकाज को लेकर सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच मतभेद गहरा चुके हैं। क्या आईएएस और पीसीएस अधिकारियों की तबादला सूची पर सहमति नहीं बन सकी? क्या यूपी की ब्यूरोक्रेसी में सब कुछ सामान्य नहीं है? मुख्य सचिव के अचानक अवकाश पर जाने से यह तमाम सवाल उठ रहे हैं। आने वाले दिनों में विपक्षी दल इन सब चीजों को लेकर सरकार के सामने सवाल खड़ा कर सकते हैं। वर्तमान में फिलहाल अपर मुख्य सचिव कृषि दीपक कुमार के पास उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी है। लेकिन, ब्यूरोक्रेसी और राजनीतिक हलकों में इस घटनाक्रम को लेकर अटकलें तेज हैं। आने वाले दिनों में स्थिति और स्पष्ट हो पाएगी कि मुख्य सचिव एसपी गोयल की यह महज एक "साधारण छुट्टी" है या फिर प्रशासनिक खेमेबाज़ी का नतीजा।
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