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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का प्रदेशव्यापी आंदोलन: 20 अगस्त को डीआईओएस कार्यालयों पर धरना

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में 65 रायल होटल में सम्पन्न प्रदेश संघर्ष समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

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Sudhakar Shukla
 state-wide agitation
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में 65 रायल होटल (विधायक निवास) में सम्पन्न प्रदेश संघर्ष समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी 20 अगस्त, 2025 को प्रदेश के सभी जनपदों में जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। धरने के समापन पर जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किए जाएंगे।

चरणबद्ध संघर्ष कार्यक्रम: 1 जुलाई से जनजागरण अभियान

संगठन के प्रादेशिक उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता डॉ. आर.पी. मिश्र और महामंत्री नरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि संघर्ष समिति के निर्णयानुसार दिनांक 01 जुलाई, 2025 से 19 अगस्त, 2025 तक जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत जनपद, मंडल तथा प्रदेश पदाधिकारी एवं संबंधित जनपद के राज्य कार्यकारिणी के सदस्यगण अपने-अपने जनपदों में प्रत्येक शाखा इकाई का दौरा करेंगे। इस दौरान वे शिक्षकों की समस्याओं को एकत्र करेंगे और उन्हें "संघर्ष अपरिहार्य क्यों" के संबंध में विस्तृत जानकारी देंगे।

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शिक्षक नेताओं ने यह भी बताया कि प्रत्येक जनपद में दिनांक 06 जुलाई, 2025 को जिला कार्यकारिणी की अनिवार्य रूप से बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में जनजागरण कार्यक्रम को सफल बनाने के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे।

संघर्ष समिति की बैठक में प्रमुख हस्तियां शामिल

32 सदस्यीय संघर्ष समिति की इस महत्वपूर्ण बैठक को प्रमुख रूप से प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी, शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी, नेता शिक्षक दल, प्रादेशिक उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता डॉ. आर.पी. मिश्र, महामंत्री नरेंद्र कुमार वर्मा, डॉ. प्रमोद कुमार मिश्र, रामेश्वर उपाध्याय, महेश चंद्र शर्मा, शिव कुमार यादव, डॉ. आर.के. त्रिवेदी आदि ने संबोधित किया।

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यह आंदोलन शिक्षकों की लंबित मांगों और समस्याओं के समाधान के लिए दबाव बनाने हेतु एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिसका असर प्रदेश भर के माध्यमिक विद्यालयों पर पड़ सकता है।

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