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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
तहरीक-ए-तहफ़्फ़ुज़-ए-सुन्नियत (टी.टी.एस) की ओर से एक सेमिनार कंगी टोला में दरगाह-ए-आला हज़रत के सज्जादानशीन मुफ्ती मोहम्मद अहसन रज़ा खां क़ादरी(अहसन मियां) की सरपरस्ती में सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय था "मौजूदा दौर और बेटियों के बहकते कदम।" इस सेमिनार का मक़सद वक्त की नज़ाकत और आज के समाजी हालात को देखते हुए ख़ास तौर पर अपनी बहन-बेटियों के ईमान की हिफ़ाज़त करना है। यहां से इसको लेकर मुहिम भी शुरू की गई जिसका नारा है: हम भी कुछ अपनी ज़िम्मेदारी निभाएं,अपनी बहन बेटियों के ईमान बचाएं।
सेमिनार का आगाज़ तिलावत ए कुरान से मौलाना बिलाल रज़ा ने किया। इसके बाद सेमिनार के आयोजक टीटीएस के वरिष्ठ सदस्य परवेज़ खान नूरी ने कहा कि एक साजिश के तहत हमारी बहन बेटियों को बहकाकर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। हमने अपनी बेटियों को बचाने के लिए मुहिम शुरू कर दी है। मुहल्ले-मुहल्ले जाकर अवाम को जागरूक करने का काम टीटीएस के ज़िम्मेदार करेंगे। मंथन करेंगे कि कैसे हम अपनी बच्चियों को गैरों के चंगुल से बचाए। साथ ही कोई भी काम संवैधानिक दायरे में रह कर ही करे। कानून अपने हाथ में न ले। कही गलत हो रहा है तो प्रशासन को इत्तिला करे।
दरगाह के नासिर कुरैशी ने संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपनी बच्चियों को तालीम(शिक्षा) के साथ अच्छी तरबियत(संस्कार) देने की ज़रूरत है। बच्चियों की समय समय पर काउंसलिंग करे। उनको अच्छे बुरे की पहचान बताए। ताकि वो नादानी में जो कदम उठा रही है उससे बचें। डॉक्टर अब्दुल माजिद खान ने कहा कि हमारे समाज में दहेज़ जैसी सामाजिक बुराई की वजह से भी लड़कियां गलत कदम उठा रही है। इसलिए दहेज़ हटाए और बेटी बचाएं। आज का नौजवान दहेज़ रहित शादियां करें। वहीं टीटीएस के वरिष्ठ सदस्य शाहिद नूरी व अजमल नूरी ने कहा कि हमें अपने स्कूल कॉलेज खोलने की बेहद ज़रूरत है।
सोशल मीडिया के इस दौर में बच्चियों पर पैनी निगाह रखी जाए। टीटीएस के मंज़ूर रज़ा खान व नफीस खान ने कहा कि निकाह को आसान कर ही बेटियों को बचाया जा सकता है। संचालन करते हुए इशरत नूरी ने कहा कि इस सेमिनार का मकसद है कि मुसलमान अपनी घर की औरतों को गुमराही से बचाएं। आखिर में दुआ मौलाना गुलफाम रज़ा ने की।
इस सेमिनार में ताहिर अल्वी,हाजी शरिक नूरी,सय्यद शावेज़,अदनान बेग,साजिद नूरी, नईम नूरी, इरशाद रज़ा, मुस्तकीम रज़ा,आकिब रज़ा,सय्यद माजिद अली,साकिब रज़ा,आले नबी,क़ाशिफ़ सुब्हानी,सय्यद एजाज़,जावेद खान, मुजाहिद रज़ा,नदीम खान,फिरोज खान,अब्दुल अहद,आरिफ़ रज़ा,आदिल रज़ा,अरवाज़ रज़ा आदि मौजूद रहेद्ध।