/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/13/sau-2025-07-13-07-51-49.jpg)
अल्पसंख्रयक कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव संयुक्त समददार के निरीक्षण से हजियापुर स्थित यूनानी मेडिकल कॉलेज के संचालन की बाधाएं दूर होने के आसार बने है। एक साल से यहां की इमारत शो-पीस है। बिजली कनेक्शन न होने से मेडिकल कालेज का संचालन नहीं हो रहा है।
प्रमुख सचिव ने एस्टीमेट को 6.71 करोड़ से कम करने के लिए नजदीकी फीडर से बिजली कनेक्शन देने के निर्देश मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अभियंता को दिए। साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से कहा कि वे जल्दी से जल्दी इमारत के फिनिशिंग संबंधी काम को पूरा कराएं ताकि न्यूनतम आवश्यक्ताओं के साथ मेडिकल काॅलेज का संचालन हो सके।
बकाया भुगतान का भी उन्होंने संज्ञान लिया। परिसर में पौधे लगाए। मेडिकल कॉलेज की इमारत पर 125 करोड़ से अधिक खर्च हो गए पर 19 करोड़ रुपये न मिलने से हैंडओवर एक साल से अटका है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता शशांक भार्गव ने बताया कि ठेकेदार का बकाया और बिजली कनेक्शन के लिए जैसे ही बजट आवंटित होता है। इमारत का हस्तांतरण हो जाएगा। इसके बाद विभाग मेडिकल काॅलेज का संचालन शुरू कर सकेगा।
एक साल से चल रहा पत्राचार
यूनानी चिकित्सा की पढ़ाई के लिए में सौ सीटों के लिए दाखिले के साथ मेडिकल कॉलेज और मरीजों को भर्ती करने के लिए यहां इमारत बनाई गई है। लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास और प्रशासनिक भवन भी बना है लेकिन बिजली कनेक्शन के लिए पौने सात करोड़ और ठेकेदार का बकाया भुगतान और जीएसटी अदा करने के लिए बजट न होने से हैंडओवर अटका है। एक साल से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, यूनानी चिकित्सा विभाग और लोक निर्माण विभाग के बीच पत्राचार चल रहा है। लोक निर्माण विभाग को ठेकेदार का भुगतान देना है भुगतान मिलने पर ठेकेदार इमारत को लोक निर्माण विभाग के हवाले करेगा। लोक निर्माण विभाग अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के माध्यम से यूनानी चिकित्सा विभाग को सौंपेगा क्योंकि इसका निर्माण एमएसडीपी योजना में हो रहा था। अब इस योजना का बदला हुआ नाम प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम हो गया है।