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एक समय भाजपा सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार के करीबियों में गिने जाने वाले बहेड़ी के ब्लॉक प्रमुख पति चौधरी आराम सिंह की सांसद के भतीजे दुष्यंत गंगवार से सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने से प्रारंभ हुई लड़ाई नया मोड़ लेती हुई दिखाई दे रही है। राजनीतिज्ञों से लेकर आम जागरुक नागरिकों में से हर किसी को इस झगड़े के पीछे की असली कहानी जानने की उत्सुकता है। ऐसे में यंग भारत न्यूज ने सोचा कि भाजपा के बड़े और छोटे नेता के बीच झगड़े के पीछे की वजह तलाशी जाए। फिलहाल बहुत कोशिश के बाद हमें ब्लॉक प्रमुख पति और सांसद के भतीजे के बीच झगड़े की वजह मिल गई। तो चलिए। शुरु करते हैं कि सांसद और ब्लॉक प्रमुख पति के बीच झगड़े के पीछे की असली कहानी।
बहेड़ी के ब्लॉक प्रमुख पति चौधरी आराम सिंह बीते दो दशक से भाजपा और सपा के बड़े नेताओं के खास रहे हैं। वह कभी भाजपा तो कभी सपा या बसपा के समर्थन से वह बहेड़ी के ब्लॉक प्रमुख बने। हालांकि चौधरी साहब का इतिहास बताता है कि वह बहुत दिन किसी भी बड़े नेता के खास नहीं रहे। जब तक उनका काम था, तब तक सबसे खास बने। जब उल्लू सीधा हो गया तो दूसरे पाले में चले गए। इसी तरह से कुछ समय पहले तक यानी कि जब तक उनकी पत्नी ब्लॉक प्रमुख नहीं बनीं, तब तक वह चौधरी साहब बहेड़ी में छत्रपाल सिंह गंगवार के खास लोगों में गिने जाते थे। मगर, वर्तमान में उनका मोह भाजपा सांसद से भंग हो चुका है। अब वह भाजपा के ही दूसरे खेमे में दिग्गज नेता के नजदीक रहकर ट्रस्ट के जरिए भारत की सेवा में लगे हैं। उस खेमे का रिमोट कंट्रोल बिहार के बगल वाले राज्य से चलता है। उस राज्य से जैसे ही रिमोर्ट कंट्रोल दबा तो ब्लॉक प्रमुख पति ने भाजपा सांसद के भतीजे के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया। दोनों के बीच झगड़ा यहां तक बढ़ा कि ब्लॉक प्रमुख पति पर सांसद के भतीजे ने एफआईआर दर्ज करा दी। फिर बीच में पता चला कि सांसद के भतीजे और ब्लॉक प्रमुख पति के बीच गोपनीय बातचीत के जरिए झगड़ा सुलझ गया है।
बहेड़ी से टिकट की बात फाइनल न होने तक चलेगा झगड़ा
इस बात की पुष्टि करने के लिए जब यंग भारत न्यूज की तरफ से ब्लॉक प्रमुख पति चौधरी आराम सिंह से बात की गई तो वह बोले, उनका बरेली के सांसद या उनके भतीजे से वैसे तो कोई झगड़ा नहीं है। लेकिन एक झगड़ा है। वह यह कि पहले वह बहेड़ी से विधानसभा का चुनाव लड़ते थे। अब वह सांसद बन चुके हैं तो बहेड़ी से भतीजे को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। मगर, उनका कहना है कि भाजपा सांसद और उनके भतीजे दोनों मिलकर गवर्नर साहब की बेटी को सपोर्ट करें। उनकी बेटी को बहेड़ी से भाजपा का टिकट दिलाकर विधायक बनवाने में अपनी भूमिका निभाएं। तभी उनका झगड़ा सुलझेगा। ब्लॉक प्रमुख पति बोले, अब वह सांसद का साथ छोड़ चुके हैं और खुलकर गवर्नर साहब के साथ हैं। बहेड़ी ब्लॉक प्रमुख पति का कहना है कि जब तक बहेड़ी विधानसभा से भाजपा का टिकट गवर्नर साहब की बेटी को मिलने की बात दोनों के बीच तय नहीं हो जाती, तब तक उनका झगड़ा चलता रहेगा। वह मैदान में डटे रहेंगे।
बेटी को बरेली की राजनीति में स्थापित करने की इच्छा
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने एक कद्दावर नेता का टिकट काटकर बहेड़ी से कई बार विधायक रह चुके पूर्व राजस्व मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार को मैदान में उतारा था। चुनाव में कद्दावर नेता और लोकसभा प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार के बीच मनमुटाव भी दिखा। इसका नतीजा यह निकला कि छत्रपाल सिंह गंगवार की जीत का अंतर काफी कम हो गया। वह बमुश्किल 35 हजार वोटों से चुनाव जीत पाए। चुनाव बाद भाजपा के कद्दावर नेता को दूसरे राज्य में बड़ी जिम्मेदारी मिल गई। सूत्रों के अनुसार दूसरे राज्य की बड़ी जिम्मेदारी भी कद्दावर नेता को बहुत ज्यादा रास नहीं आई। न ही उनका बरेली की राजनीति से मोह छूटा। वह अपनी बेटी को पहले विधानसभा और बाद में बरेली लोकसभा का चुनाव लड़ाकर राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। ब्लॉक प्रमुख पति चौधरी आराम सिंह का सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार से सीधा मोर्चा लेना इसी प्लानिंग का हिस्सा है।