बरेली, वाईबीएन संवाददाता
नगर निगम ने जलभराव से निबटने के लिए क्विक रेस्पांस टीम का गठन किया है। कहीं जलभराव होता है और बारिश के दौरान देर रात भी फोन कॉल पर जानकारी मिलती है तो तत्काल टीम रवाना होगी। पंपसेट के माध्यम से जलनिकासी कराई जाएगी। जलकल के अवर अभियंता प्रभारी होंगे।
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने जलभराव के लिए चिह्नित सात क्षेत्रों पर निगरानी बनाए रखने के आदेश दिए। साथ ही जलकल अभियंताओं के साथ बैठक की है। इसके बाद व्यवस्थाओं को दुरस्त करने की कवायद हुई है। जलभराव से निबटने के लिए अब संपवेल बिजली आपूर्ति का इंतजार नहीं करेंगे।
शांतिविहार, संजयनगर, हजियापुर और कचराचंदा खां के संपवेल चलाने के लिए जनरेटर लगवाए गए तो बारिश के सीजन में हटेंगे नहीं। सात ही नए पंपसेट खरीदने की तैयारी है। फिलहाल 12 पंप सेट हैं जिन्हें लेकर कर्मचारी विभिन्न मोहल्लों में जल भराव खत्म करने के लिए जाते हैं। जलकल के महाप्रबंधक मनोज कुमार आर्य ने जलभराव रोकने के लिए हर संंभव इंतजाम किए जा रहे है। संपवेल पर जेनरेटर का इंतजाम है। नए पंप खरीदने के लिए टेंडर निकाले जा रहे हैं।
तीन साल से नाला अधूरा, लोग उठा रहे परेशानी
सहसवानी टोला में तीन साल से मुख्य नाले का निर्माण ठेकेदार ने अधूरा छोड़ दिया है। इसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। घरों तक गंदा पानी पहुंच रहा है। बारिश में रविवार को रात कब्रिस्तान जलमग्न हो गया था। दीवार का एक हिस्सा भी धराशायी हुआ। कई घरों में भी पानी घुस गया। सहसवानी टोला में सतीपुर कब्रिस्तान के निकट गंगासहाय कश्यप के मकान से पीलीभीत बाइपास की ओर 140 मीटर नाला बनना है। यहां सिर्फ 25 फीसदी ही निर्माण हुआ है। नाला कच्चा होने की वजह से बारिश का पानी कब्रिस्तान और घरों में घुस गया। अधिशासी अभियंता ने मौके के फोटो के साथ अवर अभियंता से आख्या मांगी। साथ ही पार्षद से कहा कि अब ठेकेदार की फर्म को एक और नोटिस देकर काली सूची में डाला जाएगा। विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।