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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
नगर निगम की ncap योजना में चल रहे निर्माण कार्यों में ठेकेदार ने घटिया गुणवत्ता का काम करना शुरू कर दिया है। टेंडर होने के समय ही शहर में चर्चा थी कि इसकी टेंडर प्रक्रिया में 40% कमिशन नगर निगम में नीचे से ऊपर तक लिया गया है। नीचे से ऊपर तक आधा कमीशन साहबों की जेब में एडवांस पहुंच चुका है। इसलिए अब ठेकेदार ने घटिया गुणवत्ता का निर्माण कार्य करना शुरू कर दिया है। शहर की जनता को डेढ़ करोड़ की सड़क निर्माण में चूना लगना तय है।
नगर निगम के निर्माण कार्यों में कमीशन का लेन देन कोई नई बात नहीं है। समाजवादी पार्टी की सरकार में नगर निगम के टेंडरो में कमीशन 21% तक था। लेकिन, जबसे नगर निगम में भाजपा की सरकार बनी है। तबसे सड़क निर्माण के टेंडरो में कमीशन बढ़कर 40 फ़ीसदी तक पहुंच चुका है। इसमें बड़े साहब का 12% कमीशन एडवांस है। इस बात की न केवल ठेकेदारों बल्कि पूरे शहर के आम नागरिकों में भी चर्चा है।
Ncap योजना के मैं लगभग 13 करोड रुपए से अधिक की लागत के टेंडर नगर निगम ने बीते साल अगस्त से निकलने की प्रक्रिया शुरू की थी। जब तक कमीशन के चक्कर में यह टेंडर पूल नहीं कर लिए गए। तब तक इनको पांच बार कैंसिल किया गया। उसके बाद में जब टेंडर की पूलिंग पूरी तरीके से हो गई। बड़े साहब से लेकर छोटे साहब और अभियंताओं तक सबका कमीशन आधा जेब में पहुंच गया। तभी टेंडर प्रक्रिया पूरी दर्शाई गई। छह कामों में से दो काम के टेंडर ठेकेदार निरंजन लाला की फर्म को मोटा कमीशन देने के बाद मिले हैं। इन टेंडर को हासिल करने के लिए बड़े साहब से लेकर नीचे तक बहुत मगजमारी हुई। जब तक सबकी एडवांस कमीशन नहीं पहुंच गया। तब तक टेंडर की फाइनेंसियल विड रोककर रखी गई।
शहर के ईट पजाया चौराहे से आगे मूर्ति नर्सिंग होम के सामने ठेकेदार निरंजन लाला ने घटिया गुणवत्ता की टाइल्स लगाने का काम शुरू कर दिया है। अब तक 60 हजार से ज्यादा टाइल्स लग चुकी है। छह लाख टाइल्स लगनी है। नियमानुसार इसकी स्ट्रैंथ 300 मएमएम होनी चाहिए। मगर, निम्न गुणवत्ता की टाइल्स को मात्र जमीन की ऊपरी सतह पर लगाकर निर्माण कार्य की खानापूर्ति की जा रही है। इस सड़क के निर्माण कार्य में लगने वाली टाइल्स की मोटाई भी 80 एमएम से कम है। टाइल्स की हालत यह है कि यह जमीन पर एक बार पटकने मात्र से ही टूट सकती है। निर्माण कार्य से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि डेढ करोड रुपए की लागत से बनी टाइल्स की यह सड़क अगर एक साल चल जाए तो भी बहुत है। ठेकेदार निरंजन लाल इससे पहले भी नगर निगम की तमाम सड़के घटिया गुणवत्ता की बनवा चुके हैं। मगर, उनका कहना है कि वह नीचे से ऊपर तक सबको मोटा कमीशन देते हैं तो सड़क में गुणवत्ता कहां से आएगी।
Ncap योजना के टेंडरों में ठेकेदार निरंजन लाला के दो टेंडरो की फाइनेंशियल bid पहले डिसक्वालीफाई हो गई थी। इसकी वजह यह थी कि टेंडर प्रक्रिया में लगाए गए इनके प्रपत्र पूरे नहीं थे। बाद में जब निर्माण कार्य के इंजीनियरों का कमीशन एक कंप्यूटर ऑपरेटर के माध्यम से उनकी जेब में पहुंच गया। तब भी दोनो के बीच डील में झगड़ा चला। फिर बड़े साहब ने अडंगा डाल दिया। जब उनका कमीशन भी 12% एडवांस पहुंच गया तो इनके दो टेंडर डिसक्वालीफाई होने के बाद भी क्वालीफाई कर दिए गए। हालांकि बड़े साहब ने नगर निगम को ठेकेदर निरंजन लाला के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखने की खानापूरी जरुर की। लेकिन अब दोनो के बीच में समझौता हो चुका है। इसलिए ठेकेदार निरंजन लाला ने घटिया गुणवत्ता की टाइल वाली सड़क का निर्माण कार्य तेजी से शुरु कर दिया है। आगामी 2 महीने बाद होने वाली बरसात में इस सड़क का टूट कर ध्वस्त होना तय है।
निरंजन लाला की फर्म के टेंडर नगर निगम के इंजीनियरों ने नियम विरुद्ध किए हैं। ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज करने के लिए मैंने नगर निगम को पत्र लिखा है। निरंजन लाला की फर्म के टेंडर होने ही नहीं चाहिए थे। मगर, ये क्यों किए गए। इस बारे में नगर निगम के इंजीनियर ही बेहतर बता सकते हैं।
डॉ उमेश गौतम, मेयर नगर निगम बरेली