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रोजगार मेले में अभ्यर्थियों ने 18000 हजार की नौकरी को क्यों किया मना...जानिये कारण

रोजगार और अप्रेंटिसशिप की तलाश में आए सैकड़ों युवाओं को उस वक्त निराशा हाथ लगी जब मल्टीनेशनल कंपनियों ने महज 18,000 रुपये के मासिक वेतन पर उन्हें 1200 किलोमीटर दूर नौकरी का प्रस्ताव दिया।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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रोजगार और अप्रेंटिसशिप की तलाश में आए सैकड़ों युवाओं को उस वक्त निराशा हाथ लगी जब मल्टीनेशनल कंपनियों ने महज 18,000 रुपये के मासिक वेतन पर उन्हें 1200 किलोमीटर दूर नौकरी का प्रस्ताव दिया। यह सुनकर अभ्यर्थियों का मनोबल टूट गया और उन्होंने इस नौकरी को ''ना'' कह दिया। कंपनियों की ओर से रहने और खाने के नाम पर वेतन से मोटी रकम काटने की बात ने भी उनकी परेशानी और बढ़ा दी।

रोजगार मेले में 10 निजी कंपनियों ने हिस्सा लिया

राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, काष्ठ कला परिसर में शनिवार को आयोजित एक दिवसीय रोजगार मेले में 10 निजी कंपनियों ने हिस्सा लिया। मेले में शाहजहांपुर, पीलीभीत समेत आसपास के जिलों से आए विभिन्न ट्रेड के 378 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया और साक्षात्कार दिए, जिसमें से 303 का प्रथम चरण में चयन भी हो गया।

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हालांकि, पैकेज को लेकर अधिकांश अभ्यर्थी नाखुश दिखे। उनका कहना था कि 18,000 रुपये की नौकरी के लिए अहमदाबाद जैसे दूर शहर में जाकर काम करना आसान नहीं है। 1200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर घर आने में ही सारा बजट बिगड़ जाएगा। एक तो कंपनियां पहले से ही कम वेतन दे रही हैं, ऊपर से रहने और खाने के नाम पर मोटा पैसा भी काटा जाएगा। कुछ अभ्यर्थियों ने तो मौके पर ही नौकरी पर जाने से मना कर दिया। उनका कहना था कि इतने कम वेतन पर इतनी दूर अनजान शहर में काम करना उनके लिए संभव नहीं होगा।

इस दौरान रोजगार मेले में मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक राम राज यादव, प्रधानाचार्य टीकम शरण, प्लेसमेंट प्रभारी दानिश अख्तर और उमेश बाबू सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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