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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
अभी लोकसभा का चुनाव हुए एक साल भी ठीक से नहीं हुआ है। लेकिन बरेली में आंवला के अंदर सपा और भाजपा के बीच में राजनीति गरमाने लगी है। कभी पूर्व सांसद धर्मेंद्र कश्यप के अपनी ही पार्टी के विवादित बयानों को लेकर। तो कभी सपा सांसद नीरज मौर्य को लेकर। सबसे ज्यादा अटकलें हैं सपा सांसद नीरज मौर्य को लेकर। भाजपा के एक बड़े नेता को सांसद कोटे से दिल्ली में सरकारी आवास दिलाने से लेकर शीर्ष भाजपा नेता नितिन गड़करी, शिवराज सिंह चौहान, पियूष गोयल समेत अन्य नेताओं से भी सपा सांसद की दोस्ती बहुत गहरी हो चुकी है। इसको लेकर सपा नेता आशंकित हैं। हालांकि नीरज मौर्य अपने ऊपर उठे तमाम विवादों पर चुप हैं। उनकी यह चुप्पी सपा नेताओं को परेशान करने लगी है।
बसपा से सपा तक: तीन दलों का सफर तय कर संसद पहुंचे नीरज मौर्य
समाजवादी पार्टी के आंवला सांसद नीरज मौर्य सांसद बनने से पहले शाहजहांपुर की जलालाबाद सीट से बसपा के दो बार विधायक रह चुके हैं। इनकी पृष्ठ भूमि लखनऊ और उन्नाव की बताई जाती है। सपा ने उनको 2024 के लोकसभा चुनाव में आंवला से भाजपा के खिलाफ उतारा था। नीरज मौर्य भाजपा के बड़े नेताओं की आपसी फूट का फायदा उठाकर चुनाव जीत गए। चुनाव जीतने के बाद उनका सपा नेताओं से ज्यादा तालमेल भाजपा नेताओं के साथ बैठ रहा है। राजनैतिक पंडितों का मानना है कि नीरज मौर्य ने अपनी राजनीति की शुरूआत बसपा से की थी। उसके बाद वह भाजपा में गए।
फिर भाजपा छोड़कर स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा में आए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीच में सपा छोड़कर अपनी पार्टी बना ली। मगर, नीरज मौर्य ने राजनीतिक अवसर को पहचाना और सपा में बने रहे। उनको पार्टी ने आंवला लोकसभा से चुनाव लड़ाकर सांसद बना लिया। सांसद बनने के बाद नीरज मौर्य के सोशल मीडिया एकाउंट्स पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव समेत शीर्ष नेताओं के साथ तो सेल्फी मिलेगी।
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मगर, अखिलेश यादव को छोड़कर किसी भी सपा के बड़े नेता जैसे- राज्य सभा सदस्य प्रोफेसर रामगोपाल यादव, सांसद धर्मेंद्र यादव, दिग्गज नेता शिवपाल सिंह यादव में से किसी के साथ भी पिक्चर नहीं है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ नीरज मौर्य की कुछ सेल्फी या फोटो पड़ी हैं, लेकिन वह चुनाव के समय की हैं। मतलब, जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उनके समर्थन में जनसभा करने बरेली आए तो वह फोटो मजबूरी में खिंचाई गई हैं। सपा नेताओं का कहना है कि नीरज मौर्य को पार्टी में इतना लंबा समय हो गया है।
फिर भी वह सपा के छोटे-बड़े नेताओं से दूरी बनाए हुए हैं। इसका मतलब, आखिर क्या है। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि सांसद बनने के बाद नीरज मौर्य के मन में केंद्र में मंत्री बनने की लालसा जाग गई है। इसलिए, वह कोई न कोई तार भिड़ाकर एनडीए गठबंधन के पाले में जाना चाहते हैं। इसके लिए उनकी अपनी ही बिरादरी के एक पूर्व नेता, जिसकी बांह पकड़कर वह सपा में शामिल हुए थे, के जरिए भाजपा से अंदरखाने डील चल रही है। अगर यह डील सफल होती है तो सपा सांसद भगवा दल के साथ खड़े दिख सकते हैं।