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प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल लाई गई प्रसूता की ऑपरेशन से पहले ही मौत हो गई। परिजनों ने जांच के नाम पर इलाज में देरी का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने परिजनों को समझाया। हालांकि कुछ देर बाद परिजन कार्रवाई से पीछे हट गए। सीएमओ ने मामले की जांच के लिए टीम गठित करने की बात कही है।
प्रसव पीड़ा होने पर जिला महिला अस्पताल लाए थे
थाना न्यूरिया क्षेत्र के गांव मैदना निवासी नरेश मंगलवार शाम छह बजे अपनी पत्नी लक्ष्मी को प्रसव पीड़ा होने पर जिला महिला अस्पताल लाए थे। कुछ घंटे बाद लक्ष्मी और गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। सूचना मिली तो परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि लक्ष्मी को अस्पताल की ओर से समय से इलाज नहीं मिल पाया। ऑपरेशन करने में जिम्मेदारों ने तीन घंटे निकाल दिए। परिजनों के हंगामे के दौरान अस्पताल के अन्य तीमारदारों की भीड़ लग गई। सूचना पर शहर कोतवाल राजीव फोर्स के साथ अस्पताल पहुंच गए। पुलिस ने परिजनों को कार्रवाई के लिए मृतका का पोस्टमाॅर्टम कराने की भी सलाह दी। हालांकि कुछ देर बाद परिजन अस्पताल पर कार्रवाई से पीछे हट गए। इस बीच अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार ने आनन-फानन में परिजन के हस्ताक्षर लेते हुए शव परिवार को सौंप दिया।
मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रकरण की जांच के लिए जिला अस्पताल के सीएमएस से तीन सदस्यीय चिकित्सकों का पैनल मांगा गया है। जो मामले की बारीकी से जांच करेंगे। - डॉ. आलोक कुमार मुख्य चिकित्साधिकारी