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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस को बड़े उत्साह और जागरूकता अभियान के साथ मनाया गया। आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के सेवन से होने वाले गंभीर दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करना और उन्हें इस जानलेवा लत से दूर रहने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत ओंकोलॉजी विभाग के डॉक्टरों द्वारा प्रस्तुत एक प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक से हुई। डॉ. हिमांशी खट्टर, डॉ. अनीश एके, डॉ. सोमदत्ता सिंघा, डॉ. श्रद्धा श्रीवास्तव, डॉ. निहारिका जसूजा, डॉ. नितिन मालवीय और डॉ. श्वेता सिंह ने नाटक के माध्यम से तंबाकू खाने से होने वाले विभिन्न दुष्परिणामों को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया और दर्शकों को इससे बचने के लिए जागरूक किया।
आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक व कैंसर विशेषज्ञ प्रोफेसर (डॉ.) पियूष कुमार ने मरीजों और तीमारदारों को स्वयं तंबाकू न खाने और किसी अन्य को भी इसे न खाने से रोकने की शपथ दिलाई। डॉ. पियूष ने बताया कि तंबाकू से मुंह के कैंसर के साथ ही खाने की नली का कैंसर, पेशाब की नली का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर और किडनी का कैंसर जैसे कई प्रकार के कैंसर हो सकते हैं। उन्होंने ऐसी स्थिति में बिना घबराए अनुभवी और कुशल कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श और इलाज कराने की सलाह दी।
डॉ. पियूष ने एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज स्थित आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर को एक प्रतिष्ठित कैंसर संस्थान बताया। उन्होंने कहा कि यहाँ 20 से ज्यादा वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ की अनुभवी टीम पिछले 18 वर्षों से कैंसर के मरीजों का इलाज कर रही है। उन्होंने संस्थान की उपलब्धियां साझा करते हुए बताया कि "18 वर्षों में हमने 45 हजार से ज्यादा कैंसर के मरीजों को परामर्श दिया है। 12 हजार से ज्यादा कैंसर मरीजों ने हमारे यहाँ रेडियोथेरेपी कराई और 13 हजार से ज्यादा ने कैंसर सर्जरी करवा कर हम पर भरोसा जताया। हमारी टीम 40 हजार से ज्यादा कैंसर मरीजों की कीमोथेरेपी, 39 सौ से ज्यादा ब्रेकीथैरेपी और 7.5 हजार से ज्यादा पेट स्कैन कर चुकी है। हम रेडिएशन ओंकोलॉजी के साथ ही मेडिकल और सर्जिकल ओंकोलॉजी के साथ ही कीमोथेरेपी, हार्मोनल थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी भी कर रहे हैं।"
कैंसर विशेषज्ञ डॉ. प्राची भारद्वाज ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के बारे में जानकारी दी और बताया कि क्यों इस दिन सभी को तंबाकू छोड़ने की शपथ लेनी चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि तंबाकू खाने से फेफड़े तो कमजोर होते ही हैं, इसके साथ ही दिल भी कमजोर हो सकता है और कैंसर जैसी महामारी भी हो सकती है। ऐसे में इससे बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है। उन्होंने दृढ़ निश्चय के साथ इसे छोड़ने का आह्वान किया।
मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आरपी सिंह ने तंबाकू को जानलेवा बताया। उन्होंने कहा, "यह बात सभी जानते हैं, इसके बाद भी इसका सेवन युवाओं में बढ़ता जा रहा है। शौक से शुरू हुआ तंबाकू का सेवन गंभीर बीमारियों में कब बदल जाता है पता ही नहीं चलता। ऐसे जानलेवा शौक से दूर रहना ही समझदारी है। हम सबको इससे बचने के लिए खुद भी जागरूक होना चाहिए और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करना चाहिए।"
इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डॉ. एमएस बुटोला, डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सीएम चतुर्वेदी, डॉ. अरविंद चौहान, डॉ. राशिका सचान, डॉ. अदादि श्रीनिवास नायडू और आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट की टीम और स्टाफ मौजूद रहा। इस आयोजन ने तंबाकू के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।