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बिहार की चुनावी सियासत में आज एक नई हलचल तब दिखी जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समस्तीपुर के रोसरा के कर्पूरी मैदान से विपक्ष पर करारा प्रहार किया। करीब 25 मिनट के भाषण में उन्होंने 15 बार ‘जंगलराज’ शब्द दोहराया।
अमित शाह ने मंच से ऐलान किया कि 14 नवंबर को दिन के 1 बजे लालू और राहुल गांधी का बिहार से सूपड़ा साफ हो जाएगा। उन्होंने भरोसा जताया कि एनडीए दोबारा प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगा और बिहार को “जंगलराज” से स्थायी मुक्ति दिलाएगा।
उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी की सरकार ने बिहार को पिछड़ा बनाया, जबकि मोदी-नीतीश की डबल इंजन सरकार ने उसे विकास की राह पर आगे बढ़ाया।
कर्पूरी ठाकुर के नाम पर आरजेडी पर प्रहार
अमित शाह ने जननायक कर्पूरी ठाकुर का नाम लेकर आरजेडी पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “लालू और राबड़ी की सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न नहीं दिलाया। जननायक को सम्मान दिलाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।” शाह ने कहा कि अब वही लोग, जिन्होंने कर्पूरी जी का अपमान किया, उनके नाम पर वोट मांग रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि भारत में एक ही जननायक हैं - कर्पूरी ठाकुर।
सभा के दौरान शाह ने लालू-राबड़ी शासन पर भ्रष्टाचार के आरोपों की याद दिलाई और कहा कि दरभंगा में एम्स मोदी सरकार खोल रही है, जबकि लालू के समय सिर्फ घोटाले हुए। उन्होंने वादा किया कि एनडीए की सरकार बनी तो समस्तीपुर को एक “बड़ा इंडस्ट्रियल हब” बनाया जाएगा, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और बिहार आत्मनिर्भर बनेगा।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बिहार का युवा अब भ्रम में नहीं आएगा। उसे मालूम है कि विकास केवल मोदी और नीतीश ही दे सकते हैं।
दलित राजनीति पर कांग्रेस को घेरा
अमित शाह ने कांग्रेस और आरजेडी दोनों पर दलित राजनीति के नाम पर “दोहरा खेल” खेलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज राहुल गांधी और तेजस्वी यादव दलितों के नाम पर वोट मांग रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने बिहार के जगजीवन राम को प्रधानमंत्री बनने नहीं दिया। यही इनकी असली सोच है।
महिलाओं के विकास और जीविका दीदी योजना का जिक्र
शाह ने मोदी सरकार की योजनाओं को गिनाते हुए कहा कि बिहार की 1.21 करोड़ जीविका दीदियों को 10-10 हजार रुपये दिए गए हैं और आने वाले दिनों में उन्हें दो-दो लाख रुपये का सहयोग मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि महिलाओं के सशक्तिकरण से बिहार के गांवों की आर्थिक स्थिति बदल रही है।
रोसरा को जिला बनाने की मांग पर गूंजे नारे
कार्यक्रम के अंत में माहौल तब गर्म हो गया जब मंच से उतरते ही भीड़ ने “रोसरा को जिला बनाओ” के नारे लगाने शुरू कर दिए। लोगों का कहना था कि एनडीए नेताओं ने पहले कहा था कि अमित शाह रोसरा को जिला घोषित करेंगे, लेकिन इस पर भाषण में कोई घोषणा नहीं हुई।
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