बिहार विधानसभा चुनाव 2020 भले ही बीत चुका हो, लेकिन इसके आँकड़े आज भी राजनीतिक विश्लेषकों के लिए उपयोगी हैं। 243 विधानसभा सीटों में से कुछ उम्मीदवार ऐसे रहे जिन्हें अप्रत्याशित रूप से लाखों मतदाताओं का समर्थन मिला। यह रिपोर्ट सिर्फ जीत के अंतर पर नहीं बल्कि कुल प्राप्त मतों की संख्या पर आधारित है।
कौन रहे बिहार के वोटों के बादशाह?
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पवन कुमार यादव (BJP, कहलगांव) – 1,53,538 वोट
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कविता देवी (BJP, कोढ़ा) – 1,44,625 वोट
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महबूब आलम (CPI-ML, बलरामपुर) – 1,44,489 वोट
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आलोक रंजन (BJP, सहरसा) – 1,33,538 वोट
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अबीदुर रहमान (Congress, अररिया) – 1,32,154 वोट
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नरेंद्र नारायण यादव (JDU, आलमनगर) – 1,02,517 वोट
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विद्यासागर केसरी (BJP, फारबिसगंज) – 1,22,212 वोट
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पवन कुमार जायसवाल (BJP, ढाका) – 99,792 वोट
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रेखा देवी (RJD, मसौढ़ी) – 98,696 वोट
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जयप्रकाश यादव (BJP, नरपतगंज) – 98,397 वोट
किस पार्टी के कितने टॉप कैंडिडेट्स?
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) – 12 उम्मीदवार
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जनता दल यूनाइटेड (JDU) – 2
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राष्ट्रीय जनता दल (RJD) – 2
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कांग्रेस (INC) – 2
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CPI(ML) – 1 (महबूब आलम)
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BSP – 1 (जमा खान, बाद में JDU में शामिल)
चुनाव बाद इन टॉप उम्मीदवारों को क्या मिला?
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नंद किशोर यादव – अब बिहार विधानसभा अध्यक्ष
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नीतीश मिश्रा – उद्योग मंत्री, बिहार सरकार
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मोतीलाल प्रसाद (रीगा) – वर्तमान में मंत्री
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जमा खान – BSP से जीत कर JDU में शामिल, मंत्री
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तेजस्वी यादव – पूर्व डिप्टी CM, RJD नेता
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लेसी सिंह और नरेंद्र नारायण यादव – JDU से मंत्री
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रेखा देवी, अबीदुर रहमान, नीतू कुमारी – सत्ता से बाहर
राजद का प्रदर्शन टॉप 20 में कमजोर क्यों?
2020 में भले ही RJD सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो, लेकिन सर्वाधिक वोट पाने वाले उम्मीदवारों की सूची में उनकी उपस्थिति बहुत सीमित रही। यह दर्शाता है कि पार्टी को समग्र समर्थन तो मिला लेकिन केंद्रित प्रभाव BJP के पक्ष में ज्यादा रहा।
क्या 2025 में यही चेहरे दोहराए जाएंगे?
2025 के विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इन टॉप वोटर अट्रैक्शन नेताओं को फिर से टिकट मिलेगा या पार्टी नई रणनीति अपनाएगी। कहलगांव, अररिया, मसौढ़ी, राघोपुर जैसे सीटों पर टिकट बंटवारा, आने वाले चुनाव की दिशा तय करेगा।