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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, भाजपा ने अपने चुनावी अभियान को धार देना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस चुनावी अभियान की कमान संभालने वाले हैं, और इसी कड़ी में 9 बड़ी जनसभाओं (रैलियों) की रणनीति तैयार की गई है, जो सीधे तौर पर राज्य की लगभग 200 विधानसभा सीटों को प्रभावित करेंगी।
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भारतीय जनता पार्टी बिहार में नेतृत्व आधारित प्रचार पर भरोसा कर रही है। पीएम मोदी की व्यक्तिगत लोकप्रियता, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और पहली बार वोट डालने वाले युवाओं के बीच, इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत है।
यह अभियान न केवल मतदाताओं को आकर्षित करने का माध्यम है, बल्कि भाजपा कार्यकर्ताओं को भी "मिशन मोड" में लाने की रणनीति है।
इन जिलों में हो सकती हैं मोदी की रैलियां
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन क्षेत्रों में रैलियों की योजना है उनमें शामिल हैं:
रोहतास और सारण (जहां पहले ही रैलियां हो चुकी हैं)
पूर्णिया, दरभंगा, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, और पटना संभावित केंद्र हैं
अंतिम घोषणा जुलाई के पहले सप्ताह में होने की उम्मीद
सितंबर तक चलेगा रथ: BJP का चुनावी कैलेंडर
इस तीन महीने के अभियान का अंत सितंबर 2025 में होगा, जब तक चुनाव की तारीखों की आधिकारिक घोषणा होने की संभावना है।
जुलाई: बूथ स्तर पर संपर्क अभियान
अगस्त: युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित प्रचार
सितंबर: फुल स्केल रैलियों और डिजिटल कैंपेन
जहां पीएम मोदी 9 रैलियों से अभियान को धार देंगे, वहीं गृहमंत्री अमित शाह की भी 3-4 रैलियों की योजना है। इससे भाजपा की टॉप-टियर लीडरशिप की ग्राउंड प्रेजेंस मजबूत होगी।
भाजपा रणनीति में वोटर डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल, जातीय समीकरणों का विश्लेषण और डोर-टू-डोर संपर्क और व्हाट्सएप कैम्पेन का इस्तेमाल शामिल है।