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बिहार चुनाव में पारिवारिक मुकाबला: आठ पूर्व मुख्यमंत्रियों के 10 रिश्तेदार मैदान में, जानिए कौन नेता कहां से मैदान में

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 8 पूर्व मुख्यमंत्रियों के 10 रिश्तेदार मैदान में हैं। लालू-राबड़ी के बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप अलग-अलग दलों से प्रचार में जुटे हैं। परिवारवाद और वंश राजनीति पर सियासत गरमा गई है।

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YBN Bihar Desk
Bihar Election Family Dynasty pariwarwad

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार राजनीति सिर्फ विचारधाराओं की नहीं, बल्कि वंशवाद की भी जंग बन गई है। राज्य के आठ पूर्व मुख्यमंत्रियों के 10 रिश्तेदार इस चुनावी रणभूमि में किस्मत आजमा रहे हैं। मधुबनी से लेकर गया, वैशाली, सारण और पश्चिम चंपारण तक, कई सीटें पारिवारिक दावेदारी की वजह से हाईप्रोफाइल हो चुकी हैं।

सबसे ज्यादा चर्चा लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी परिवार की हो रही है। उनके दोनों बेटे अलग-अलग दलों से मैदान में हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जहां राघोपुर सीट से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार हैं, वहीं बड़े भाई तेजप्रताप यादव महुआ सीट से अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) के प्रत्याशी हैं। दोनों भाई अपनी-अपनी सभाओं में एक-दूसरे से दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन जनता के बीच यह मुकाबला “लालू परिवार की सियासी परीक्षा” के रूप में देखा जा रहा है।

वंशवाद की इस लड़ाई में दो महिला उम्मीदवार भी सुर्खियों में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती डॉ. करिश्मा राय सारण की परसा सीट से राजद प्रत्याशी हैं। वे तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय की चचेरी बहन भी हैं, जिससे यह मुकाबला एक दिलचस्प पारिवारिक मोड़ ले रहा है। वहीं, जननायक कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ. जागृति ठाकुर समस्तीपुर जिले की मोरवा सीट से जन सुराज पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। दोनों उम्मीदवार पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के परिवार से तीन सदस्य इस बार चुनावी रण में हैं। उनकी समधन ज्योति गुप्ता बाराचट्टी (गया) से, बहू दीपा मांझी इमामगंज से और दामाद प्रफुल्ल मांझी जमुई जिले की सिकंदरा सीट से हम (Hindustani Awam Morcha) के टिकट पर उम्मीदवार हैं। मांझी परिवार के इतने सदस्यों का एक साथ मैदान में उतरना राज्य की राजनीति में पारिवारिक दावेदारी के एक नए आयाम को दर्शाता है।

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इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के पुत्र सुशील कुमार बेगूसराय जिले की चेरिया बरियारपुर सीट से राजद के उम्मीदवार हैं। कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडेय के पोते शाश्वत नरकटियागंज सीट से मैदान में हैं। शाश्वत इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव में वाल्मीकिनगर से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। उनका परिवार लंबे समय से पश्चिम चंपारण की राजनीति में प्रभावशाली रहा है।

इसी क्रम में, तीन बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के पुत्र नीतीश मिश्रा भी भाजपा प्रत्याशी के रूप में झंझारपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। यह वही सीट है, जिसका प्रतिनिधित्व कभी उनके पिता करते थे। नीतीश मिश्रा पहले भी तीन बार विधायक रह चुके हैं और इस बार उनकी सीट पर भाजपा और राजद के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है।

वैशाली की दो सीटें – राघोपुर और महुआ – पूरे देश में चर्चा का केंद्र बन चुकी हैं। तेजस्वी और तेजप्रताप के आमने-सामने चुनाव प्रचार से बिहार की राजनीति का अगला अध्याय तय होगा। यह मुकाबला सिर्फ सीटों का नहीं, बल्कि बिहार के दो सबसे प्रमुख राजनीतिक परिवारों की विरासत को लेकर भी है।

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