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लंबे इंतजार और गहन मंथन के बाद आखिरकार बिहार एनडीए में सीट बंटवारे का फार्मूला तय हो गया है। कई दौर की बैठकों, राजनीतिक खींचतान और अंदरूनी समीकरणों के बाद औपचारिक घोषणा की गई। भाजपा और जदयू को बराबर-बराबर 101-101 सीटें मिली हैं, जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति मोर्चा (रालोमो) को 6-6 सीटें दी गई हैं। इस घोषणा के साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की असली जंग की शुरुआत हो गई है।
पिछले कुछ हफ्तों से एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर तमाम अटकलें चल रही थीं। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और जदयू के बीच कई बार बैठकों के बाद यह सहमति बनी कि गठबंधन की मजबूती और “समान साझेदारी” का संदेश दिया जाए। यही वजह है कि दोनों प्रमुख दलों को बराबर सीटें दी गई हैं। इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच राजनीतिक संतुलन का संकेत भी माना जा रहा है।
भाजपा ने पिछली बार से कुछ सीटें छोड़कर जदयू के साथ तालमेल का संदेश देने की कोशिश की है, जबकि जदयू ने भी अपने पुराने गिले-शिकवे दरकिनार करते हुए सहयोग की भावना दिखाई है। लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें देकर भाजपा ने चिराग पासवान को भी मजबूत संदेश दिया है कि एनडीए में उनकी भूमिका अहम है। पिछले कुछ महीनों से चिराग और जदयू के बीच ठंडे रिश्ते बने हुए थे, लेकिन सीट बंटवारे के इस फार्मूले ने दोनों के बीच समझौते की राह खोल दी है।
वहीं, जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो को 6-6 सीटें दी गई हैं, जिसपर सबसे अधिक चर्चा हुई।
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