प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव 2025 को लेकर ऐसा दावा कर दिया है जिससे सियासी भूचाल आ गया है। उन्होंने साफ कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अबकी बार सत्ता में वापसी नहीं कर पाएंगे, और उनकी पार्टी जेडीयू 25 सीटों से आगे नहीं बढ़ेगी। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी साख दांव पर लगाते हुए ऐलान किया कि अगर उनका यह दावा गलत साबित हुआ तो वे हमेशा के लिए राजनीति छोड़ देंगे।
"बिहार को नया मुख्यमंत्री मिलेगा" — PK का दावा
प्रशांत किशोर ने एक जनसभा में कहा कि बिहार की जनता बदलाव के मूड में है। 60% से ज्यादा लोग नीतीश कुमार के खिलाफ हैं। नवंबर के बाद बिहार को नया मुख्यमंत्री मिलेगा, मैं यह लिखकर देने को तैयार हूं। PK के अनुसार, जनता अब पुरानी सरकारों से ऊब चुकी है और किसी नए नेतृत्व की तलाश में है।
PK यहीं नहीं रुके, उन्होंने नीतीश कुमार की मानसिक और शारीरिक हालत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नीतीश अब मंच पर पीएम मोदी का नाम भूल जाते हैं, राष्ट्रगान को कव्वाली समझ लेते हैं। ऐसे व्यक्ति से राज्य की जिम्मेदारी निभाना संभव नहीं है। उनके इस बयान को राजनीतिक हलकों में सीधे व्यक्तिगत हमला माना जा रहा है।
भाजपा पर निशाना: मजबूरी में ढो रहे हैं नीतीश को?
प्रशांत किशोर ने बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ चुनावी रणनीति के तहत नीतीश कुमार को अब तक ढो रही है, वरना उनके पास बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की न हिम्मत है, न तैयारी। यह बयान BJP और JDU के बीच के संभावित दरार को भी उभारने वाला माना जा रहा है।
"अगर गलत हुआ, तो राजनीति छोड़ दूंगा" — PK की शर्त
अपने दावे की गंभीरता को दर्शाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर जेडीयू को 25 से ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। उन्होंने कहा कि जेडीयू अब विचारधारा, कैडर और नेतृत्व तीनों मोर्चों पर खाली हो चुकी पार्टी है। नीतीश कुमार की लोकप्रियता 60% से गिरकर अब सिर्फ 16-17% रह गई है।
प्रशांत किशोर एक ओर वह नीतीश कुमार की गिरती साख को निशाना बना रहे हैं, दूसरी ओर BJP की कमजोरी को उजागर कर बिहार में तीसरे विकल्प के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं।