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बिहार की सियासत एक बार फिर चुनावी मोड में आ चुकी है। 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक समीकरण तेज़ी से बदल रहे हैं। महागठबंधन की बैठकें लगातार चल रही हैं, और सबसे ज्यादा माथापच्ची सीट शेयरिंग फॉर्मूले को लेकर हो रही है। इस बार आरजेडी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती।
आरजेडी सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी का लक्ष्य सत्ता परिवर्तन है, और इसके लिए उन्होंने "मिशन 100+" की रणनीति अपनाई है। यानी आरजेडी कम से कम 100 सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है, और कुल मिलाकर 140 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई जा रही है।
कांग्रेस और लेफ्ट को मिलेगी कितनी सीटें?
पिछली बार कांग्रेस को 70 सीटें दी गई थीं, लेकिन इस बार उसे 50–55 सीटें मिलने की संभावना है। कांग्रेस की मांग है कि उसे उन्हीं सीटों पर मौका मिले जहां पार्टी की स्थिति मजबूत है।
वहीं लेफ्ट पार्टियों, जिनमें सीपीआईएमएल, सीपीआई और सीपीएम शामिल हैं, को 30 से 35 सीटों की पेशकश हो सकती है। वर्तमान विधानसभा में सीपीआईएमएल के पास 12 सीटें हैं, जिससे उनके प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
VIP पार्टी को लेकर संशय बरकरार
मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी 60 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन तेजस्वी यादव की रणनीति में इतनी गुंजाइश नहीं है। संभव है कि उन्हें 12 से 20 सीटें दी जाएं, लेकिन यह समझौता तेजस्वी की शर्तों पर ही होगा।
सीट बंटवारे का संभावित गणित:
पार्टी | संभावित सीटें |
---|---|
आरजेडी (RJD) | 140 सीटें |
कांग्रेस (Congress) | 50–55 सीटें |
वाम दल (Left) | 30–35 सीटें |
वीआईपी पार्टी (VIP) | 12–20 सीटें |
अन्य छोटे दल | शेष सीटें |
चुनावी तैयारियों में जुटा RJD कैडर
तेजस्वी यादव ने पंचायत स्तर तक पार्टी कैडर को अलर्ट कर दिया है। कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर की तैयारियों में झोंक दिया गया है। तेजस्वी की कोशिश है कि हर सीट पर मजबूत पकड़ बनाई जाए और नीतीश कुमार को सत्ता से बाहर करने के लिए कोई कसर न छोड़ी जाए।