बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पोल ट्रैकर के ताजा ओपिनियन पोल सर्वे ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। सर्वे के अनुसार, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-लेफ्ट) को 126 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली NDA (BJP-JDU) को 112 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। वहीं, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी महज 1 सीट पर सिमटती नजर आ रही है।
सर्वे के मुख्य निष्कर्ष:
- महागठबंधन: 44.2% वोट शेयर के साथ 126 सीटें (बहुमत से 5 सीट अधिक)
- NDA (BJP+JDU): 38.5% वोट शेयर के साथ 112 सीटें
- जन सुराज पार्टी: 2.7% वोट शेयर, केवल 1 सीट का अनुमान
- अन्य दल: 14.6% वोट शेयर, 4 सीटें
क्या NDA के लिए खतरे की घंटी?
2020 के चुनाव में NDA ने 125 सीटें जीती थीं, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। इस बार NDA को 13 सीटों का नुकसान होने का अनुमान है। इसकी वजह यह दिख रही है कि बिहार में जातिगत समीकरण में बदलाव आया है। साथ ही युवाओं में तेजस्वी की बढ़ती लोकप्रियता और NDA में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद दिख रहे हैं।
महागठबंधन की ताकत कहां?
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RJD का MY समीकरण (मुस्लिम-यादव) मजबूत।
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कांग्रेस का OBC-EBC वोट बैंक साथ।
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लेफ्ट दलों का मजदूर-किसान वर्ग पर प्रभाव।
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तेजस्वी यादव की युवाओं में अपील ("युवा बिहार, नया बिहार" का नारा)।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी फ्लॉप?
2 अक्टूबर 2023 को लॉन्च हुई पार्टी को सर्वे में सिर्फ 1 सीट का अनुमान। इसका कारण जमीनी संगठन का अभाव, बड़े नेताओं का साथ न मिलना बताया जा रहा है। हालांकि PK का दावा है कि हम अकेले 243 सीटों पर लड़ेंगे, लेकिन जनता का समर्थन नहीं मिल रहा।